भरतपुर. फाल्गुन मास में बृज क्षेत्र में रंग और गुलाल उड़ने लगा है. इसके साथ ही धीरे धीरे होली का रंग जमने लगा है. लेकिन इस बार दो दिन होलिका दहन होगा. पूर्णमासी तिथि 6 मार्च शाम को लग जाएगी, जिसकी वजह से तिथि के अनुसार होलिका दहन का सही समय 6 मार्च की शाम को माना जा रहा है. लेकिन काफी लोग 7 मार्च को भी होलिका दहन करेंगे.
पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि इस बार 6 मार्च को शाम 4.17 से पूर्णमासी तिथि लग रही है. जिसकी वजह से 6 मार्च को देर शाम 6.38 बजे से रात 9.02 बजे तक का समय होलिका दहन के लिए शुभ है. पूर्णमासी तिथि 7 मार्च को शाम 6.01 बजे तक रहेगी. उसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी, जो कि होलिका दहन के लिए शुभ नहीं होगी.
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इस बार भद्रा भी फलदाईः पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि इस बार पूर्णमासी तिथि के साथ ही भद्रा भी लग रही है. भद्रा तीन प्रकार की होती है. जिसमें स्वर्ग की भद्रा, मृत्यु लोक यानी पृथ्वी की भद्रा और पाताल की भद्रा शामिल है. इस बार मृत्युलोक की भद्रा है. लेकिन इस बार सिंह का चंद्रमा होने की वजह से पूर्णमासी में भी रात को भद्रा शुभ फलदाई है. इसलिए होलिका दहन शुभ रहेगी. पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि अगले दिन 7 मार्च को होली का पर्व या धुलंडी मनाई जाएगी. हालांकि कैलेंडर और अन्य जानकारियों की वजह से कई लोग 7 मार्च को भी होलिका दहन करेंगे. लेकिन सही मायने में होलिका दहन 6 मार्च का ही शुभ फलदाई होगा.