भरतपुर. जलवायु परिवर्तन का असर अब केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के आसपास पक्षियों पर भी नजर आ रहा है. यह बदलते मौसम का ही असर (keoladev National Park in Bharatpur) है कि पक्षी समय से पहले घना के पास के जंगल में ब्रीडिंग (प्रजनन) करते नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं इस बार तो एक ऐसे पक्षी ने भी ब्रीडिंग की है जो यहां सिर्फ कुछ समय का ठहराव करता था. इससे साफ जाहिर है कि बदलते मौसम का असर अब पक्षियों की लाइफ सर्किल को भी प्रभावित कर रहा है.
ईग्रेट ने की समय से 4 माह पूर्व ब्रीडिंगः घना के नेचर गाइड नवीन करौला ने बताया कि उन्हें नेचर गाइडिंग करते हुए 30 (Gloabal warming effects on birds) वर्ष का समय हो गया. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि घना क्षेत्र के पास के पंछी का नगला के जंगल में ईग्रेट पक्षी समय से करीब चार माह पहले ब्रीडिंग कर रहे हैं. जबकि सामान्य तौर पर ये पक्षी अगस्त माह में ब्रीडिंग करता है. फिलहाल यहां दर्जनों की संख्या में ईग्रेट पक्षी ब्रीडिंग कर रहे हैं.
ग्लॉसी आइबिस ने की घना में पहली बार ब्रीडिंगः नवीन ने बताया कि पक्षी ग्लॉसी आइबिस अमूमन घना में कुछ समय के प्रवास पर रुकता है. लेकिन इसने कभी यहां पर ब्रीडिंग नहीं की. लेकिन पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि करीब 15-16 की संख्या में ग्लॉसी आइबिस ने घना के पास नेस्टिंग कर अंडे दिए हैं. कुछ समय बाद घौंसलों में ग्लॉसी आइबिस के नवजात भी नजर आने लगेंगे. अमूमन इस पक्षी को अब तक गुजरात के कुछ क्षेत्रों में ब्रीडिंग करते देखा गया था.
बदलते मौसम का असरः नवीन करौला ने बताया कि मौसम के तापमान में तेजी से हो रहे बदलाव का ही असर है कि पक्षियों ने अपनी लाइफ सर्किल बदल दी है. इस बार अप्रैल माह में ही भरतपुर का तापमान 44 डिग्री से ऊपर निकल गया है. जबकि मई-जून में ऐसी तीखी गर्मी देखने को मिलती थी.