भरतपुर. कुलदीप जघीना हत्याकांड के तीन आरोपियों के गुरुवार को डीग कोतवाली में सरेंडर करने के अगले ही दिन पुलिस ने चौथे इनामी आरोपी को मध्य प्रदेश के शाहजहांपुर से गिरफ्तार कर लिया. घायल आरोपी को शुक्रवार सुबह आरबीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. अभी तक पुलिस अधिकारियों ने इस कार्रवाई के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है. रॉबिन के अलावा पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने इस हत्याकांड के लिए रैकी की थी.
पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि कुलदीप हत्याकांड के आरोपियों की तलाश में पुलिस लगातार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्र में दबिश दे रही थी. वहीं फरार चल रहे आरोपी रॉबिन की भी तलाश की जा रही थी. पुलिस टीमों को साइबर और तकनीकी सहायता से रॉबिन की लोकेशन मध्यप्रदेश के शाहजहांपुर में मिली. रॉबिन की लोकेशन की जानकारी मिलने पर डीग के विशेषाधिकारी बृजेश ज्योति उपाध्याय और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र शर्मा के सुपरविजन में पुलिस टीम मध्य प्रदेश के शाहजहांपुर भेजी गई.
वहां पुलिस टीम को मंडी की तरफ से एक संदिग्ध व्यक्ति आता हुआ नजर आया, जो कि पुलिस टीम को देखकर भागने लगा. टीम ने पीछा कर आरोपी को पकड़ा और पूछताछ करने पर पता चला कि वह कुलदीप जघीना हत्याकांड का इनामी आरोपी रॉबिन है. पुलिस टीम आरोपी को पकड़कर कर गाड़ी से भरतपुर ला रही थी. इसी दौरान रूपवास के गहनोली मोड़ पर रॉबिन ने लघुशंका के लिए गाड़ी रुकवाई.
इस दौरान पुलिस टीम निगरानी कर रही थी, तभी रॉबिन कांस्टेबल बृजबिहारी को धक्का मारकर भागने लगा. पुलिस टीम से भागने के प्रयास में रॉबिन एक पत्थर से जा टकराया जिससे उसके पैर में चोट आ गई. वहीं कांस्टेबल बृजबिहारी के भी आंख के पास चोट आई. आरोपी रॉबिन को आरबीएम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जांच में पता चला कि उसके दाहिने पैर में फ्रैक्चर है. पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि बाइक सवार हेलमेट लगाकर हमला करने वाले दो आरोपियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है.
कल तीन आरोपियों ने किया था सरेंडरः हत्याकांड के तीन अन्य इनामी आरोपियों लोकेंद्र, देवेंद्र और पंकज ने गुरुवार को डीग कोतवाली में सरेंडर कर दिया था. लोकेंद्र, देवेंद्र, पंकज और रॉबिन पर भरतपुर आईजी ने 50-50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था. गुरुवार को सरेंडर करने वाले आरोपियों ने खुद की हत्या की आशंका जताई थी. बदमाशों का कहना था कि उनका घटना से नाम जोड़ा गया, लेकिन वो उसमें शामिल नहीं थे. साथ ही उनका आरोप था कि 15 दिन में उन्हें ढूंढकर हत्या करने की धमकी भी दी गई थी.
यह थी घटना : गौरतलब है कि 12 जुलाई को कृपाल जघीना हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुलदीप जघीना और विजयपाल को जयपुर जेल से रोडवेज बस में पेशी के लिए भरतपुर लाया जा रहा था. आमोली टोल प्लाजा पर सुबह 11.55 बजे जैसे ही रोडवेज बस रुकी, उसमें करीब 8-10 हथियारबंद हमलावर घुस गए और कुलदीप, विजयपाल व पुलिस पर फायरिंग कर दी. कुछ बदमाश बस के बाहर से भी फायरिंग कर रहे थे.
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फायरिंग के बाद हमलावर मौके से भाग निकले. हमले में मुलजिम कुलदीप जघीना की मौत हो गई, जबकि विजयपाल घायल हो गया. दो यात्रियों को भी गोली लगी. बाद में पुलिस ने पीछा कर चार आरोपियों को अलग-अलग जगह से पकड़ लिया था. दो आरोपियों को आगरा से पकड़ा गया. गुरुवार को तीन आरोपियों ने सरेंडर कर दिया. दो आरोपी अभी भी फरार हैं.