ETV Bharat / state

भरतपुर: मेले में झूला झुलाकर रोजी-रोटी कमाने आए थे, लेकिन लॉकडाउन में दाने-दाने को हो गए मोहताज

भरतपुर ब्रह्मबाद गांव में हर साल आयोजित होने वाले शीतला माता के लक्खी मेले में मध्य प्रदेश से 15 लोगों का एक दल झूला लगाने के लिए आया था, जो अब लॉकडाउन के कारण पिछले तीन महीने से यहीं फंसा हुआ है. साथ ही रोजी-रोटी का जुगाड़ न होने की वजह से अब ये लोग दाने दाने को मोहताज हो गए हैं.

author img

By

Published : Jul 1, 2020, 11:38 PM IST

bharatpur news, rajasthan news
भरतपुर में फंसे झूला झूलने वाले 15 लोग

भरतपुर. करीब तीन महीने पहले भरतपुर ब्रह्मबाद गांव में 15 लोगों का दल शीतला माता के लक्खी मेले में झूला-झुलाकर रोजी रोटी कमाने आया था. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मेला आयोजित ही नहीं हुआ. मेला आयोजित नहीं होने और लॉकडाउन के चलते यह पूरा दल इस गांव में ही फंस गया. अब हालात ऐसे हैं कि झूलों का भारी-भरकम सामान और पूरे परिवार को लेकर वापस मध्य प्रदेश लौटना बहुत मुश्किल हो रहा है. साथ ही रोजी-रोटी का जुगाड़ भी नहीं होने की वजह से अब ये लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं.

भरतपुर में फंसे झूला झूलने वाले 15 लोग

मध्य प्रदेश के झूला व्यवसायी विकास ने बताया कि मेला शुरू होने के तीसरे दिन ही लॉकडाउन लग गया था. ऐसे में मेले को प्रशासन ने स्थगित कर दिया. सोचा था झूलों का सामान और परिवार को लेकर दो-तीन दिन बाद मध्य प्रदेश अपने घर निकल जाएंगे. लेकिन 3 महीने के लॉकडाउन में ऐसे फंसे कि अभी तक घर नहीं लौट पाए हैं.

पढ़ें- कांग्रेस विधायक का APO हुए DIG पर बड़ा बयान, कहा- लक्ष्मण गौड़ को बचाने की कोशिश की जा रही है

व्यवसायी विकास ने बताया कि भारी भरकम झूलों के सामान के साथ ही करीब 15 लोगों का दल यहां ठहरा हुआ है. सभी लोगों के खाने-पीने का इंतजाम पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. कई बार तो घर से अकाउंट में पैसे डलवा कर खाने की व्यवस्था करनी पड़ती है. तो कई बार गांव के लोगों की मदद से खाना मिल जाता है. हालात ये हैं कि पैसा कमाने के लिए आए थे लेकिन अब परिवार का पेट भरने के लिए जेब में एक पैसा भी नहीं बचा है. यहां तक कि दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं.

विकास ने बताया कि अभी तक खेत खाली थे, ऐसे में झूलों का सामान गांव के खेतों में रखा था. लेकिन अब खेतों में किसान बुवाई करने लगे हैं. ऐसे में खेतों से झूलों का सामान हटाकर अब सड़क किनारे रखना पड़ा है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी उनके लिए किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंचाई गई है.

भरतपुर. करीब तीन महीने पहले भरतपुर ब्रह्मबाद गांव में 15 लोगों का दल शीतला माता के लक्खी मेले में झूला-झुलाकर रोजी रोटी कमाने आया था. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मेला आयोजित ही नहीं हुआ. मेला आयोजित नहीं होने और लॉकडाउन के चलते यह पूरा दल इस गांव में ही फंस गया. अब हालात ऐसे हैं कि झूलों का भारी-भरकम सामान और पूरे परिवार को लेकर वापस मध्य प्रदेश लौटना बहुत मुश्किल हो रहा है. साथ ही रोजी-रोटी का जुगाड़ भी नहीं होने की वजह से अब ये लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं.

भरतपुर में फंसे झूला झूलने वाले 15 लोग

मध्य प्रदेश के झूला व्यवसायी विकास ने बताया कि मेला शुरू होने के तीसरे दिन ही लॉकडाउन लग गया था. ऐसे में मेले को प्रशासन ने स्थगित कर दिया. सोचा था झूलों का सामान और परिवार को लेकर दो-तीन दिन बाद मध्य प्रदेश अपने घर निकल जाएंगे. लेकिन 3 महीने के लॉकडाउन में ऐसे फंसे कि अभी तक घर नहीं लौट पाए हैं.

पढ़ें- कांग्रेस विधायक का APO हुए DIG पर बड़ा बयान, कहा- लक्ष्मण गौड़ को बचाने की कोशिश की जा रही है

व्यवसायी विकास ने बताया कि भारी भरकम झूलों के सामान के साथ ही करीब 15 लोगों का दल यहां ठहरा हुआ है. सभी लोगों के खाने-पीने का इंतजाम पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. कई बार तो घर से अकाउंट में पैसे डलवा कर खाने की व्यवस्था करनी पड़ती है. तो कई बार गांव के लोगों की मदद से खाना मिल जाता है. हालात ये हैं कि पैसा कमाने के लिए आए थे लेकिन अब परिवार का पेट भरने के लिए जेब में एक पैसा भी नहीं बचा है. यहां तक कि दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं.

विकास ने बताया कि अभी तक खेत खाली थे, ऐसे में झूलों का सामान गांव के खेतों में रखा था. लेकिन अब खेतों में किसान बुवाई करने लगे हैं. ऐसे में खेतों से झूलों का सामान हटाकर अब सड़क किनारे रखना पड़ा है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी उनके लिए किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंचाई गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.