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डीग में किसान महापंचायत का आयोजन, पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर साधा निशाना - भरतपुर न्यूज

भरतपुर के डीग में शनिवार को किसान महापंचायत का आयोजन हुआ. महापंचायत को संबोधित करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भाजपा देश के अन्नदाताओं की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र कर रही है.

Farmer Mahapanchayat in Deeg,  Deeg news
विश्वेंद्र सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर साधा निशाना
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Published : Feb 7, 2021, 2:40 AM IST

डीग (भरतपुर). केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर शनिवार को डीग के बहज में किसानों की महापंचायत आयोजित की गई. इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी और विकास विरोधी है. इस सरकार ने किसानों से संबंधित जो तीन कानून लाए हैं, इससे किसान तो बर्बाद होंगे ही साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ेगी.

विश्वेंद्र सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर साधा निशाना

सिंह ने कहा कि किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएंगे. देशभर के किसान इसका जबरदस्त विरोध कर रहे हैं और सड़कों पर उतर आए हैं. कांग्रेस इन किसानों के साथ है और आगे भी इनके ही साथ रहेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस समझती थी कि भाजपा किसानों की जिम्मेदारी समझेगी, लेकिन भाजपा ने जिम्मेदारी ना दिखा कर जमींदारी प्रथा लागू करने का प्रयास किया है. इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा.

किसान की मेहनत को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र

विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन काले कानूनों के माध्यम से किसान, खेत-मजदूर, छोटे दुकानदार, मंडी मजदूर और कर्मचारियों की आजीविका पर एक क्रूर हमला बोला है. यह किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षड्यंत्र है. देश के अन्नदाता और भाग्यविधाता किसान की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र किया जा रहा है.

पढ़ें- Farmers Chakka Jam: बूंदी में भी सड़कों पर उतरे किसान, कृषि कानूनों को निरस्त करने की उठाई मांग

उन्होंने कहा कि कृषि कानून के विरोध में ढाई महीनों से किसान ठंड में दिल्ली की सड़कों पर हैं. गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर निंदनीय घटना हुई है. हम तिरंगे के मान में कोई कमी नहीं रखेंगे, लेकिन सरकार को इसके लिए कानून लाना चाहिए. हम इस कानून के पुरजोर खिलाफ करते हैं, लेकिन इसके लिए हिंसा नहीं.

गांधीवादी तरीके से किया जाएगा आंदोलन

दिल्ली आंदोलन के समर्थन में गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया जाएगा और सरकार को यह काले कानून वापस लेने ही होंगे. भरतपुर राजपरिवार में किसान का बेटा ही गद्दी पर रहा है, उस परिवार से ज्यादा किसान की पीड़ा कौन समझ सकता है. यह केंद्र सरकार सरकार जुमलेबाजों की सरकार है.

जो हिम्मत वाले लोग हैं, वही पंचायत कर रहे हैं: सोलंकी

भरतपुर कांग्रेस प्रभारी और विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस में जो हिम्मत वाले लोग हैं, वही पंचायत कर रहे हैं. किसान विरोधी काले कानून के विरोध में सचिन पायलट की दौसा में हुई पंचायत के बाद अब भरतपुर के डीग में महापंचायत किसानों के हित में धन्यवाद के काबिल है. इस कानून के विरोध में आज किसान दिल्ली में रो रहे हैं, अब किसान आने वाले समय में इसका जवाब देगा.

गहलोत सरकार भी अगर कानून लागू करती तो हम विरोध करते: सोलंकी

सोलंकी ने कहा कि प्रजातंत्र में वही चलता है जो जनता चाहती है और आज जनता इस काले कानून को नहीं चाहती है. भाजपा सरकार ने जो काले कानून दिए हैं, उनका आज हम पुरजोर विरोध करते हैं. अगर राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी इस काले कानून को लागू करती तो हम विधायक इसका भी विरोध करते.

डीग (भरतपुर). केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर शनिवार को डीग के बहज में किसानों की महापंचायत आयोजित की गई. इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी और विकास विरोधी है. इस सरकार ने किसानों से संबंधित जो तीन कानून लाए हैं, इससे किसान तो बर्बाद होंगे ही साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ेगी.

विश्वेंद्र सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर साधा निशाना

सिंह ने कहा कि किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएंगे. देशभर के किसान इसका जबरदस्त विरोध कर रहे हैं और सड़कों पर उतर आए हैं. कांग्रेस इन किसानों के साथ है और आगे भी इनके ही साथ रहेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस समझती थी कि भाजपा किसानों की जिम्मेदारी समझेगी, लेकिन भाजपा ने जिम्मेदारी ना दिखा कर जमींदारी प्रथा लागू करने का प्रयास किया है. इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा.

किसान की मेहनत को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र

विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन काले कानूनों के माध्यम से किसान, खेत-मजदूर, छोटे दुकानदार, मंडी मजदूर और कर्मचारियों की आजीविका पर एक क्रूर हमला बोला है. यह किसान, खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षड्यंत्र है. देश के अन्नदाता और भाग्यविधाता किसान की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र किया जा रहा है.

पढ़ें- Farmers Chakka Jam: बूंदी में भी सड़कों पर उतरे किसान, कृषि कानूनों को निरस्त करने की उठाई मांग

उन्होंने कहा कि कृषि कानून के विरोध में ढाई महीनों से किसान ठंड में दिल्ली की सड़कों पर हैं. गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर निंदनीय घटना हुई है. हम तिरंगे के मान में कोई कमी नहीं रखेंगे, लेकिन सरकार को इसके लिए कानून लाना चाहिए. हम इस कानून के पुरजोर खिलाफ करते हैं, लेकिन इसके लिए हिंसा नहीं.

गांधीवादी तरीके से किया जाएगा आंदोलन

दिल्ली आंदोलन के समर्थन में गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया जाएगा और सरकार को यह काले कानून वापस लेने ही होंगे. भरतपुर राजपरिवार में किसान का बेटा ही गद्दी पर रहा है, उस परिवार से ज्यादा किसान की पीड़ा कौन समझ सकता है. यह केंद्र सरकार सरकार जुमलेबाजों की सरकार है.

जो हिम्मत वाले लोग हैं, वही पंचायत कर रहे हैं: सोलंकी

भरतपुर कांग्रेस प्रभारी और विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस में जो हिम्मत वाले लोग हैं, वही पंचायत कर रहे हैं. किसान विरोधी काले कानून के विरोध में सचिन पायलट की दौसा में हुई पंचायत के बाद अब भरतपुर के डीग में महापंचायत किसानों के हित में धन्यवाद के काबिल है. इस कानून के विरोध में आज किसान दिल्ली में रो रहे हैं, अब किसान आने वाले समय में इसका जवाब देगा.

गहलोत सरकार भी अगर कानून लागू करती तो हम विरोध करते: सोलंकी

सोलंकी ने कहा कि प्रजातंत्र में वही चलता है जो जनता चाहती है और आज जनता इस काले कानून को नहीं चाहती है. भाजपा सरकार ने जो काले कानून दिए हैं, उनका आज हम पुरजोर विरोध करते हैं. अगर राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी इस काले कानून को लागू करती तो हम विधायक इसका भी विरोध करते.

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