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Protest in Bharatpur: प्रदेश के 27 जिलों में सैनी समाज की 13 प्रतिशत आबादी, आरक्षण के लिए कर रहे प्रदर्शन, जानें किस संभाग में सर्वाधिक जनसंख्या

भरतपुर में सैनी समाज आंदोलन पर है. शुक्रवार से सैनी समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे (Demand For Reservation In Bharatpur) हैं. सैनी समाज की मांग है कि 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.

Demand For Reservation In Bharatpur
Demand For Reservation In Bharatpur
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Published : Apr 22, 2023, 2:28 PM IST

भरतपुर. लंबे समय से सैनी, कुशवाहा, माली, शाक्य समाज के लोग प्रदेश में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. प्रदेश के 27 जिलों में इनकी आबादी निवास कर रही है. सबसे ज्यादा गांव और आबादी भरतपुर संभाग के धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और भरतपुर में निवासरत है. यही वजह है कि सैनी समाज ने अपने आंदोलन स्थल के रूप में भरतपुर को चुना है. पिछली बार भी सैनी समाज ने अपनी मांगों को लेकर भरतपुर में ही आंदोलन किया था. आइए जानते हैं प्रदेश में सैनी, कुशवाहा, शाक्य और माली समाज की मांग, आंदोलन और सामाजिक तानेबाने के बारे में.

27 जिलों में समाज : सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि प्रदेश के 27 जिलों में सैनी, कुशवाहा, माली, शाक्य समाज की जनता निवास करती है. इनमें धौलपुर, भरतपुर, करौली, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, जोधपुर, पाली, जालोर आदि शामिल हैं. संभाग की बात करें तो धौलपुर में समाज के 315 गांव, भरतपुर में करीब 200 गांव और करौली और सवाई माधोपुर में 500 गांव हैं। भरतपुर जिले की रूपवास, रुदावल, उच्चैन, बयाना, वैर, भुसावर, डीग और नदबई तहसील क्षेत्र में समाज के गांव मौजूद हैं.

इसलिए 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग : डीके कुशवाहा ने बताया कि प्रदेश में समाज की करीब 1.40 करोड़ से 1.50 करोड़ तक आबादी है. एक सर्वे में भी सामने आया है कि प्रदेश की कुल जनसंख्या की करीब 13 से 14 प्रतिशत आबादी सैनी, माली, शाक्य और कुशवाहा समाज की है. यही वजह है कि समाज की ओर से सरकार से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग की जा रही है. समाज के लोगों का तो यह तक दावा है कि संभाग की 19 विधानसभा सीटों में से 50 प्रतिशत से अधिक सीटों पर समाज निर्णायक भूमिका में रहता है. हालांकि, इसका कोई आधिकारिक डाटा या प्रमाण उपलब्ध नहीं है.

पढ़ें : Protest in Bharatpur : भरतपुर में आरक्षण आंदोलन के चलते इंटरनेट बंद, प्रशासन ने जारी किया आदेश

ये हैं प्रमुख मांग : डीके कुशवाहा ने बताया कि माली, सैनी, कुशवाहा, शाक्य, काछी आदि समाज के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही राज्य लवकुश कल्याण बोर्ड का गठन और राज्य में लवकुश छात्रावास का निर्माण होना चाहिए.

भरतपुर. लंबे समय से सैनी, कुशवाहा, माली, शाक्य समाज के लोग प्रदेश में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. प्रदेश के 27 जिलों में इनकी आबादी निवास कर रही है. सबसे ज्यादा गांव और आबादी भरतपुर संभाग के धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और भरतपुर में निवासरत है. यही वजह है कि सैनी समाज ने अपने आंदोलन स्थल के रूप में भरतपुर को चुना है. पिछली बार भी सैनी समाज ने अपनी मांगों को लेकर भरतपुर में ही आंदोलन किया था. आइए जानते हैं प्रदेश में सैनी, कुशवाहा, शाक्य और माली समाज की मांग, आंदोलन और सामाजिक तानेबाने के बारे में.

27 जिलों में समाज : सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि प्रदेश के 27 जिलों में सैनी, कुशवाहा, माली, शाक्य समाज की जनता निवास करती है. इनमें धौलपुर, भरतपुर, करौली, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, जोधपुर, पाली, जालोर आदि शामिल हैं. संभाग की बात करें तो धौलपुर में समाज के 315 गांव, भरतपुर में करीब 200 गांव और करौली और सवाई माधोपुर में 500 गांव हैं। भरतपुर जिले की रूपवास, रुदावल, उच्चैन, बयाना, वैर, भुसावर, डीग और नदबई तहसील क्षेत्र में समाज के गांव मौजूद हैं.

इसलिए 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग : डीके कुशवाहा ने बताया कि प्रदेश में समाज की करीब 1.40 करोड़ से 1.50 करोड़ तक आबादी है. एक सर्वे में भी सामने आया है कि प्रदेश की कुल जनसंख्या की करीब 13 से 14 प्रतिशत आबादी सैनी, माली, शाक्य और कुशवाहा समाज की है. यही वजह है कि समाज की ओर से सरकार से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग की जा रही है. समाज के लोगों का तो यह तक दावा है कि संभाग की 19 विधानसभा सीटों में से 50 प्रतिशत से अधिक सीटों पर समाज निर्णायक भूमिका में रहता है. हालांकि, इसका कोई आधिकारिक डाटा या प्रमाण उपलब्ध नहीं है.

पढ़ें : Protest in Bharatpur : भरतपुर में आरक्षण आंदोलन के चलते इंटरनेट बंद, प्रशासन ने जारी किया आदेश

ये हैं प्रमुख मांग : डीके कुशवाहा ने बताया कि माली, सैनी, कुशवाहा, शाक्य, काछी आदि समाज के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही राज्य लवकुश कल्याण बोर्ड का गठन और राज्य में लवकुश छात्रावास का निर्माण होना चाहिए.

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