भरतपुर. जिले के बयाना क्षेत्र के गांव सेवा कुरवारिया में अस्थाई श्मशान की भूमि पर दबंगों ने अतिक्रमण कर (Dabangs occupied the cremation ground) लिया है. गांव में श्मशान घाट के लिए कोई सरकारी भूमि चिह्नित नहीं है. ऐसे में एक दलित का 12 घंटे तक अंतिम संस्कार नहीं हो सका. बाद में सूचना पर बयाना तहसीलदार , गिरदावर और पटवारी गांव पहुंचे और आनन फानन में अधिकारियों ने गांव में ही एक सरकारी जमीन पर मृतक का करीब 12 घंटे बाद अंतिम संस्कार कराया.
जानकारी के अनुसार गांव के बुजुर्गों विजय सिंह बंजारा की शुक्रवार को भरतपुर के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. परिजन मृतक को लेकर गांव पहुंचे. गांव में पहले बाणगंगा नदी के बहाव क्षेत्र में अंतिम संस्कार होते थे. लेकिन अब उस पर गांव की ही दबंगों ने अतिक्रमण कर लिया. जब दलित मृतक के परिजनों ने उस जगह पर अंतिम संस्कार करना चाहा तो दबंगों ने अंतिम संस्कार करने से रोक दिया.
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गांव के लोग अपने-अपने खेतों में अंतिम संस्कार करते हैं. दलित परिवार के पास खुद की जमीन भी नहीं है. ऐसे में रातभर दलित परिवार शव को लेकर बैठे रहे. जब घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन को मिली तो प्रभारी उपखंड अधिकारी अमित शर्मा अन्य अधिकारियों के साथ गांव पहुंचे. अधिकारियों ने गांव की ही सरकारी जमीन पर करीब 12 घंटे बाद दलित मृतक का अंतिम संस्कार कराया. प्रभारी उपखंड अधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि जल्द ही गांव में सरकारी जमीन को श्मशान के लिए चिह्नित कर कागजी कार्रवाई करेंगे. ताकि भविष्य में ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए परेशान न होना पड़े.