भरतपुर. जिले के बृज विश्वविद्यालय में सोमवार को कॉलेज फैकल्टी और स्टूडेंट के बीच झड़प हो गई. दरअसल, मामला ये था कि एक छात्रा अपने प्रैक्टिकल की फीस जमा करने विश्वविद्यालय आई थी. इस दौरान छात्रा ने फीस जमा करने वाले कर्मचारी से कहा कि प्रैक्टिकल की फीस थोड़ी कम कर लो, जिस पर फीस कलेक्टर छात्रा के ऊपर भड़क गया और उसे धक्का देकर बाहर निकाल दिया. जिसके बाद कॉलेज में हंगामा खड़ा हो गया.
दरअसल, विश्विद्यालय में प्रैक्टिकल की फीस जमा करने की आखिरी तारीख थी. ऐसे में विश्विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएं और छात्र अपनी प्रैक्टिकल फीस जमा करवाने आए थे. वहीं, विश्विद्यालय के छात्रों ने बताया कि एक छात्रा अपनी प्रैक्टिकल की फीस जमा करवाने गई और तो उसने फीस जमा करने वाले कर्मचारी से कहा कि प्रैक्टिकल की फीस थोड़ी कम कर लो, आप बहुत ज्यादा फीस ले रहे हो, तो इतने में फीस कलेक्टर छात्रा के ऊपर उखाड़ गया और उसे धक्का देकर बाहर निकाल दिया. जिसके बाद वह छात्रा कॉलेज के प्रेसिडेंट दिनेश भातरा के पास गई और पूरी घटना के बारे में बताया, तो दिनेश भातरा फीस कलेक्टर से बात करने गया और उसके साथ धक्का मुक्की कर दी. जिसके बाद कॉलेज में काफी हंगामा खड़ा हो गया.
वहीं, कॉलेज की फैकल्टी का कहना है कि विश्विद्यालय के प्रेसिडेंट दिनेश भातरा उनके रूम में गए और सहायक कुलसचिव से झगड़ा करने लगे और मांग करने लगे कि वे बिना फीस के सभी छात्रों का प्रैक्टिकल करवाए. ऐसे में एक अधिकारी ने उनकी एप्लिकेशन को ले लिया और कहा कि हमें एक घंटे का समय दो, विश्विद्यालय की फैकल्टी से इस पर बात करेगी. उसके बाद विश्विद्यालय का प्रेसिडेंट कमरे के बाहर चला गया. लेकिन, दो मिनट के बाद वह फिर से कमरे में आया और जबरन फिर से कमरे में घुसने की कोशिश की. लेकिन, उस कमरे में परीक्षा से संबंधित गोपनीयता का कार्य हो रहा था, इसलिए वहां उनको अंदर नहीं आने दिया गया.
काफी देर गेट बजने से बाद जब एक कर्मचारी ने गेट खोला तो गेट खोलते ही उसके मुंह पर हमला हुआ और उसने हमले से बचने के लिए अपना हाथ आगे कर दिया. जिसमें उसके हाथ से खून बहने लगा और प्रेसिडेंट ने रूम में घुस कर वहां पर रखा सारा सामान फेंक दिया. हंगामे के बाद दोनों पक्ष एसपी ऑफिस पहुंचे, लेकिन जब वहां एसपी नहीं मिले तो फैकल्टी ने मथुरा गेट थाने में जाकर घटना की एफआईआर दर्ज करवाई.
वहीं, कॉलेज फैकल्टी का कहना है कि विश्विद्यालय में प्रेसिडेंट के द्बारा रोजाना हंगामा किया जाता है और बेबुनियाद मांगों को मानने के लिए हम पर जोर डाला जाता है. इसलिए कॉलेज का माहौल बहुत खराब होता है. ऐसे में कोई भी कैसे काम कर सकता है.