भरतपुर. मुख्यमंत्री के गृह जिले और संभाग मुख्यालय के 25 हजार यात्री हर दिन खतरे के साए में सफर कर रहे हैं. संभाग मुख्यालय का सबसे बड़ा रोडवेज बस स्टैंड का भवन लंबे समय से जर्जर हालत में है. यहां हर दिन जर्जर छत गिर रही है. खतरे को देखते हुए रोडवेज प्रशासन को कई कमरे खाली करने पड़े हैं. वहीं, हर दिन बस स्टैंड पर हादसे का खतरा मंडरा रहा है. आरएसआरडीसी ने भी भवन को जीर्णोद्धार योग्य नहीं मानते हुए काम करने से इनकार कर दिया है. बावजूद इसके बस स्टैंड के नए भवन निर्माण का रास्ता निकलता नजर नहीं आ रहा.
हर दिन 25 हजार यात्री : भरतपुर का रोडवेज बस स्टैंड संभाग का सबसे बड़ा और प्रमुख बस स्टैंड है. यहां से हर दिन भरतपुर और लोहागढ़ की 129 बसें संचालित होती हैं. साथ ही अन्य डिपो, जिले और राज्यों की करीब 240 बसों का आवागमन रहता है. यहां से हर दिन 25 हजार यात्री यात्रा करते हैं.
हर दिन हादसे का खतरा : बस स्टैंड के जिस भवन के नीचे यात्री आते-जाते और बसों का इंतजार करते हैं वो पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. भवन की छत और दीवारें झड़कर गिरने लगी हैं. आए दिन छत का प्लास्टर गिरता रहता है. इससे यहां आने-जाने और इंतजार करने वाले यात्रियों की जान जोखिम में रहती है. वहीं, बस स्टैंड प्रशासन ने भी हादसे के डर से कई कमरे खाली कर दिए हैं.
तीन माह पहले 4 करोड़ स्वीकृत : मुख्य प्रबंधक शक्ति सिंह ने बताया कि बस स्टैंड के भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए जीर्णोद्धार के लिए 4 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ था. करीब तीन माह पहले आरएसआरडीसी की टीम ने भवन की रिपेयरिंग शुरू कर दी, लेकिन रिपेयरिंग के दौरान ही मरम्मत वाली जगह से ही भवन और ज्यादा क्षतिग्रस्त होने लगा.
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मुख्य प्रबंधक शक्ति सिंह ने बताया कि रिपेयरिंग के बाद भी जब भवन क्षतिग्रस्त होने लगा, तो आरएसआरडीसी और राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की टीम ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद टीम ने निर्णय लिया कि यह भवन रिपेयरिंग योग्य नहीं है, इसलिए इस भवन के बजाय नया भवन ही बनना चाहिए. इस संबंध में आरएसआरडीसी और हमने उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है. अब मुख्यालय से जो भी निर्देश मिलेंगी उसी के अनुरूप इस संबंध में आगे कार्य किया जाएगा. मुख्य प्रबंधक शक्ति सिंह ने बताया कि बस स्टैंड पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेरिकेडिंग लगाई गई है. यात्रियों को जर्जर भवन की तरफ ना जाने की सलाह दी जाती है, ताकि किसी प्रकार का कोई हादसा न हो.