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Bhartpur Sports Tournament In college : प्रवेश प्रक्रिया में देरी से विद्यार्थियों को धोना पड़ा खेल प्रतियोगिताओं से हाथ

भरतपुर में प्रवेश प्रक्रिया में देरी से पीजी विद्यार्थियों को खेल प्रतियोगिताओं (Bhartpur Sports Tournament) से हाथ धोना पड़ा है. कोरोना की वजह से महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर की प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

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उप कुलसचिव डॉ. अरुण कुमार पांडेय
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Published : Dec 8, 2021, 4:22 PM IST

भरतपुर. कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष सरकारी महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर (पीजी) की प्रवेश प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से पीजी के विद्यार्थियों को (Bhartpur Sports Tournament) खेल प्रतियोगिताओं से हाथ धोना पड़ गया है. वहीं महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय ने अपना खेल कैलेंडर जारी कर प्रतियोगिताएं शुरू कर दी हैं. वहीं भरतपुर और धौलपुर के करीब 125 महाविद्यालयों ने विश्वविद्यालय में खेल शुल्क भी जमा नहीं कराया है, जिसकी वजह से सैकड़ों विद्यार्थी खेल प्रतियोगिताओं से वंचित हो गए हैं.

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय (Maharaja Surajmal Brij University news) के उप कुलसचिव डॉ. अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से हर वर्ष एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के खेल कैलेंडर के तहत अपना खेल कैलेंडर जारी करना होता है.

पढ़ें- Self Defense Trainer Monika Dithonia : भरतपुर की मोनिका हजारों बेटियों के लिए बनी प्रेरणा, पांच साल में दी 8 हजार बेटियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

इस वर्ष भी उसी नियम के तहत खेल कैलेंडर जारी किया गया है. यदी हम एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के खेल कैलेंडर की तर्ज पर अपना कैलेंडर जारी नहीं करेंगे, तो हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाएंगे. इसलिए हमें खेल कैलेंडर जारी कर प्रतियोगिताएं आयोजित करानी पड़ी हैं. गत वर्ष भी कोरोना की वजह से खेल कैलेंडर जारी नहीं हो सका था. डॉ. अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि इस वर्ष कोरोना की वजह से सरकारी महाविद्यालयों में पीजी प्रवेश की प्रक्रिया में देरी हुई है. बिना पीजी कक्षाओं में प्रवेश के विद्यार्थी खेलों में भाग नहीं ले सकते. हालांकि कई खिलाड़ी विद्यार्थियों ने निजी महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर में प्रवेश ले लिया है और वे प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं.

125 महाविद्यालय में जमा नहीं कराया खेल शुल्क

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय से संबद्ध भरतपुर और धौलपुर में करीब 160 महाविद्यालय संचालित हैं. महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित होने वाले खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रति महाविद्यालय 6 हजार रुपए का खेल शुल्क जमा कराना होता है. इनमें से मुश्किल से 35 महाविद्यालयों ने ही खेल शुल्क जमा कराया है. ऐसे में करीब 125 महाविद्यालयों के विद्यार्थी खेल प्रतियोगिताओं से वंचित रह गए. डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय को खेल शुल्क जमा नहीं कराने वाले महाविद्यालयों को नोटिस जारी किए गए हैं. साथ ही इनके खिलाफ खेल बोर्ड की बैठक आयोजित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय कैलेंडर के तहत 22 अलग-अलग खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं. प्रतियोगिता में भरतपुर और धौलपुर से करीब 25 टीमों में 200 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. यदि महाविद्यालयों ने विश्वविद्यालय को खेल शुल्क जमा करा दिया होता और समय पर स्नातकोत्तर के प्रवेश पूरे हो गए होते तो खिलाड़ियों की संख्या काफी ज्यादा होती.

भरतपुर. कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष सरकारी महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर (पीजी) की प्रवेश प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से पीजी के विद्यार्थियों को (Bhartpur Sports Tournament) खेल प्रतियोगिताओं से हाथ धोना पड़ गया है. वहीं महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय ने अपना खेल कैलेंडर जारी कर प्रतियोगिताएं शुरू कर दी हैं. वहीं भरतपुर और धौलपुर के करीब 125 महाविद्यालयों ने विश्वविद्यालय में खेल शुल्क भी जमा नहीं कराया है, जिसकी वजह से सैकड़ों विद्यार्थी खेल प्रतियोगिताओं से वंचित हो गए हैं.

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय (Maharaja Surajmal Brij University news) के उप कुलसचिव डॉ. अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से हर वर्ष एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के खेल कैलेंडर के तहत अपना खेल कैलेंडर जारी करना होता है.

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इस वर्ष भी उसी नियम के तहत खेल कैलेंडर जारी किया गया है. यदी हम एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के खेल कैलेंडर की तर्ज पर अपना कैलेंडर जारी नहीं करेंगे, तो हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाएंगे. इसलिए हमें खेल कैलेंडर जारी कर प्रतियोगिताएं आयोजित करानी पड़ी हैं. गत वर्ष भी कोरोना की वजह से खेल कैलेंडर जारी नहीं हो सका था. डॉ. अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि इस वर्ष कोरोना की वजह से सरकारी महाविद्यालयों में पीजी प्रवेश की प्रक्रिया में देरी हुई है. बिना पीजी कक्षाओं में प्रवेश के विद्यार्थी खेलों में भाग नहीं ले सकते. हालांकि कई खिलाड़ी विद्यार्थियों ने निजी महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर में प्रवेश ले लिया है और वे प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं.

125 महाविद्यालय में जमा नहीं कराया खेल शुल्क

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय से संबद्ध भरतपुर और धौलपुर में करीब 160 महाविद्यालय संचालित हैं. महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित होने वाले खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रति महाविद्यालय 6 हजार रुपए का खेल शुल्क जमा कराना होता है. इनमें से मुश्किल से 35 महाविद्यालयों ने ही खेल शुल्क जमा कराया है. ऐसे में करीब 125 महाविद्यालयों के विद्यार्थी खेल प्रतियोगिताओं से वंचित रह गए. डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय को खेल शुल्क जमा नहीं कराने वाले महाविद्यालयों को नोटिस जारी किए गए हैं. साथ ही इनके खिलाफ खेल बोर्ड की बैठक आयोजित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय कैलेंडर के तहत 22 अलग-अलग खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं. प्रतियोगिता में भरतपुर और धौलपुर से करीब 25 टीमों में 200 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. यदि महाविद्यालयों ने विश्वविद्यालय को खेल शुल्क जमा करा दिया होता और समय पर स्नातकोत्तर के प्रवेश पूरे हो गए होते तो खिलाड़ियों की संख्या काफी ज्यादा होती.

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