भरतपुर. जिले में अवैध खनन और खान माफियाओं को लेकर समय-समय पर जनप्रतिनिधि आवाज उठाते रहे हैं. इस बार जिला प्रमुख जगत सिंह ने खान विभाग और राज्य सरकार पर करोड़ों रुपए कीमत की खदान को राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएमएल) को मुफ्त में देने का आरोप लगाया (Jagat Singh allegations on mines department) है. साथ ही अब आरएसएमएमएल के नियम विरुद्ध उस खदान को अपने चहेतों को कौड़ियों के दाम में देने की तैयारी का भी आरोप लगाया है. इस पूरे मामले में एक मंत्री की भागीदारी की भी बात कही है.
जिला प्रमुख जगत सिंह ने खनन पट्टा आवंटन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि 'जिला प्रमुख आपके द्वार' जन सुनवाई अभियान के दौरान लोगों ने बताया कि जिले में बंशी पहाड़पुर के सबसे अच्छे 99 हैक्टेयर खनन एरिया को खान विभाग की ओर से बिना किसी नीलामी प्रक्रिया से आरएसएमएमएल को मुफ्त में दे दिया है. अब आरएसएमएमएल भी नियमों को तक पर रखकर सरकार के कुछ चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इस 200 करोड़ रुपए से भी अधिक मूल्य की खान को 20 साल के ठेके पर कौड़ियों के भाव देने के लिए सबलेट करने के लिए ईओआई आमंत्रित कर रही है.
ईओआई में भाग लेने के लिए कुछ अलग से शर्तें भी रखी हैं. इन शर्तों में मुख्य रूप से फर्म की ओर से 1 लाख 50 हजार टन पत्थर का उत्पादन किया हो, 50 हजार टन सैंड स्टोन का उत्पादन किया हो, पिछले वित्तीय वर्ष में और जिनका टर्न ओवर 50 करोड़ रुपए से अधिक हो, शामिल हैं. प्रदेश की एक हजार से अधिक सैंड स्टोन के खनन पट्टे, 15 हजार से अधिक क्वेरी लाइसेंस, 1500 से अधिक ग्रेनाइट, मार्बल के खनन पट्टे स्वीकृत होने के बावजूद सिर्फ एक कंपनी ही उपरोक्त शर्तों को पूरा करती है. जबकि नियमानुसार आरएसएमएमल अपना खनन पट्टा किसी को सबलेट नहीं कर सकती.
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इससे स्पष्ट है कि ऐसी शर्त लगाकर सरकार की ओर से आमजन को नीलामी में भाग लेने से रोककर एक कंपनी को अरबों रुपए का फायदा देना चाह रही है. जिला प्रमुख ने कहा कि बंशी पहाड़पुर में सरकार की ओर से 398 हैक्टेयर का एरिया परिवर्तित कर खनन विभाग को दिया गया था. इसमें राजस्थान सरकार ने पूर्व में 41 खनन पट्टे 230 हेक्टेयर के एरिया में ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से 26 खनन व्यवसायियों को आवंटित किए. जिला प्रमुख जगत सिंह ने खनन ईओआई प्रक्रिया की जांच कराने एवं पूर्व की तरह 99 हैक्टेयर खनन एरिया में पट्टे आवंटन के लिए ईओआई तथा टर्म्स एंड कंडीशन रखे जाने की मांग की है.