भरतपुर. डीग के गांव पसोपा में बाबा विजय दास के आत्मदाह का मामला और गरमाता जा रहा है. संतों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले (Saints Movement Against Illegal Mining) बाबा हरि बोल दास और बाबा गोपेश्वर दास ने प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कह कि अधिकारी दबाव बनाकर साधु-संतों के बीच दरार डालना चाह रहे हैं और वह कुछ लोगों को अपने दबाव में लेकर जयपुर गए हैं.
संतों का कहना है कि वह ऐसे लोग हैं, जिनका आंदोलन से कोई सरोकार नहीं रहा है. कुछ संत आंदोलन में रहे, जिनको उन्होंने बहला-फुसलाकर अपने साथ लिया है. वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए गए हैं. प्रशासन ने उन पर दबाव बनाया है. हमारी मांगें पूरी हो गई हैं, जबकि संत हरि बोल दास बाबा सहित अन्य संतों ने चेतावनी दी है कि जब तक खनन क्षेत्र से खनन कार्य में उपयोग की जने वाली मशीनों को (Demanding Termination of Mining Activities) नहीं हटाया जाता है, तब तक वह चुप नहीं बैठेंगे और आंदोलन की रणनीति बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि प्रशासन एक तरफ तो संतों के साथ होने की बात करता है और वहीं दूसरी तरफ (Serious Allegations Against the Administration in Deeg) संतों के बीच दरार डाल रहा है. जो लोग मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए गए हैं, उन लोगों का आंदोलन से कोई सरोकार नहीं रहा है. यह प्रशासन द्वारा गंदी राजनीति की जा रही है.