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जीतराम की वीरांगना की मांग कॉलेज का नाम शहीद के नाम पर हो, देवर को दी जाए नौकरी

भरतपुर के शहीद जीतराम की वीरांगना सुंदरी देवी का नया बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने कॉलेज का नाम शहीद जीतराम के नाम पर रखने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब न तो उन्हें पुलिस परेशान कर रही है और न ही वह घर में नजरबंद हैं.

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जीतराम की वीरांगना की मांग कॉलेज का नाम शहीद के नाम पर हो
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Published : Mar 14, 2023, 7:09 PM IST

Updated : Mar 14, 2023, 10:04 PM IST

जीतराम की वीरांगना की मांग कॉलेज का नाम शहीद के नाम पर हो

भरतपुर. जयपुर में धरना प्रदर्शन और नगर अस्पताल से घर पहुंची शहीद जीतराम की वीरांगना सुंदरी देवी का बयान सामने आया है. सोमवार को पूर्व विधायक अनीता सिंह और ग्रामीणों की ओर से आईजी को शहीद के नाम पर कॉलेज का नामकरण कराने के लिए ज्ञापन सौंपा गया था. इसके बाद अब वीरांगना ने कहा है कि कॉलेज का नामकरण हमारी मुख्य और पहली मांग है. सरकार यदि किसी को नौकरी दे तो देवर को भी नौकरी दे. इतना ही नहीं कई दिन से वीरांगना के घर पर मौजूद पुलिस बल को लेकर भी वीरांगना ने कहा है कि पुलिस उन्हें परेशान नहीं कर रही, न ही उन्हें नजरबंद कर के रखा है.

कल की थी नामकरण की मांगः बीते कई दिनों से चल रहे घटनाक्रम के बाद जिले के सुंदरावली गांव के निवासी और नगर की पूर्व विधायक अनीता सिंह सोमवार को भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव के पास पहुंची थीं. यहां पर पूर्व विधायक और ग्रामीणों ने आईजी को ज्ञापन सौंपकर नगर के सरकारी कॉलेज का नामकरण शहीद जीतराम के नाम पर कराने की मांग की थी. ज्ञापन में सिर्फ एक यही मांग लिखी गई थी.

ये भी पढ़ेंः वीरांगनाओं के समर्थन में उतरे पायलट, पुलिस के व्यवहार को बताया गलत, कहा- पूरी होनी चाहिए मांगें

अब वीरांगना दोनों मांगों पर कायमः इसके बाद अब वीरांगना सुंदरी देवी का मंगलवार को नया बयान सामने आया है. वीरांगना सुंदरी देवी ने कहा है कि गांव के लोग आईजी के पास गए थे. मुख्य मांग कॉलेज का नामकरण शहीद जीतराम के नाम पर करने की थी. इसके लिए गांव के लोगों ने आईजी को ज्ञापन दिया और उन्होंने आश्वासन भी दिया. साथ ही वीरांगना सुंदरी देवी ने अपनी पहले की मांग पर कायम रहते हुए कहा कि यदि सरकार किसी को नौकरी दे तो मेरे देवर को भी नौकरी दे. वहीं शहीद जीतराम के छोटे भाई विक्रम ने भी ईटीवी भारत को बताया कि यदि सरकार प्रदेश में किसी भी शहीद के परिजन को नौकरी दे तो मुझे भी नौकरी दे हमारी ये मांग है.

ये भी पढ़ेंः माटी का कर्ज: देश के लिए शहादत देने वाले शूरवीरों को भुलाया नहीं जा सकता : कैलाश चौधरी

न परेशान न नजरबंदः वीरांगना सुंदरी देवी को 10 मार्च की रात को भाजपा सांसद रंजीता कोली और अन्य पदाधिकारियों के विरोध के बाद उसके गांव सुंदरावली पहुंचाया गया था. इसके साथ ही वीरांगना के घर पर पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था. उस दौरान वीरांगना सुंदरी देवी का एक बयान सामने आया था, जिसमें वो सांसद रंजीता कोली को फोन पर बात करते हुए कह रही थी कि उसके घर में हर तरफ पुलिसवाले तैनात कर दिए हैं, वो इससे परेशान हैं. अब वीरांगना सुंदरी देवी ने कहा है कि न तो वो घर में नजरबंद हैं और न ही पुलिस वाले उन्हें परेशान कर रहे है. वो आराम से घर का काम कर रही हैं. हालांकि अभी भी पुलिस बल वीरांगना के घर पर तैनात है.

जीतराम की वीरांगना की मांग कॉलेज का नाम शहीद के नाम पर हो

भरतपुर. जयपुर में धरना प्रदर्शन और नगर अस्पताल से घर पहुंची शहीद जीतराम की वीरांगना सुंदरी देवी का बयान सामने आया है. सोमवार को पूर्व विधायक अनीता सिंह और ग्रामीणों की ओर से आईजी को शहीद के नाम पर कॉलेज का नामकरण कराने के लिए ज्ञापन सौंपा गया था. इसके बाद अब वीरांगना ने कहा है कि कॉलेज का नामकरण हमारी मुख्य और पहली मांग है. सरकार यदि किसी को नौकरी दे तो देवर को भी नौकरी दे. इतना ही नहीं कई दिन से वीरांगना के घर पर मौजूद पुलिस बल को लेकर भी वीरांगना ने कहा है कि पुलिस उन्हें परेशान नहीं कर रही, न ही उन्हें नजरबंद कर के रखा है.

कल की थी नामकरण की मांगः बीते कई दिनों से चल रहे घटनाक्रम के बाद जिले के सुंदरावली गांव के निवासी और नगर की पूर्व विधायक अनीता सिंह सोमवार को भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव के पास पहुंची थीं. यहां पर पूर्व विधायक और ग्रामीणों ने आईजी को ज्ञापन सौंपकर नगर के सरकारी कॉलेज का नामकरण शहीद जीतराम के नाम पर कराने की मांग की थी. ज्ञापन में सिर्फ एक यही मांग लिखी गई थी.

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अब वीरांगना दोनों मांगों पर कायमः इसके बाद अब वीरांगना सुंदरी देवी का मंगलवार को नया बयान सामने आया है. वीरांगना सुंदरी देवी ने कहा है कि गांव के लोग आईजी के पास गए थे. मुख्य मांग कॉलेज का नामकरण शहीद जीतराम के नाम पर करने की थी. इसके लिए गांव के लोगों ने आईजी को ज्ञापन दिया और उन्होंने आश्वासन भी दिया. साथ ही वीरांगना सुंदरी देवी ने अपनी पहले की मांग पर कायम रहते हुए कहा कि यदि सरकार किसी को नौकरी दे तो मेरे देवर को भी नौकरी दे. वहीं शहीद जीतराम के छोटे भाई विक्रम ने भी ईटीवी भारत को बताया कि यदि सरकार प्रदेश में किसी भी शहीद के परिजन को नौकरी दे तो मुझे भी नौकरी दे हमारी ये मांग है.

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न परेशान न नजरबंदः वीरांगना सुंदरी देवी को 10 मार्च की रात को भाजपा सांसद रंजीता कोली और अन्य पदाधिकारियों के विरोध के बाद उसके गांव सुंदरावली पहुंचाया गया था. इसके साथ ही वीरांगना के घर पर पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था. उस दौरान वीरांगना सुंदरी देवी का एक बयान सामने आया था, जिसमें वो सांसद रंजीता कोली को फोन पर बात करते हुए कह रही थी कि उसके घर में हर तरफ पुलिसवाले तैनात कर दिए हैं, वो इससे परेशान हैं. अब वीरांगना सुंदरी देवी ने कहा है कि न तो वो घर में नजरबंद हैं और न ही पुलिस वाले उन्हें परेशान कर रहे है. वो आराम से घर का काम कर रही हैं. हालांकि अभी भी पुलिस बल वीरांगना के घर पर तैनात है.

Last Updated : Mar 14, 2023, 10:04 PM IST
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