भरतपुर. विधानसभा में नगर विधायक वाजिब अली की ओर से मेव जाति को आरक्षण देने की मांग उठाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है. नगर विधायक वाजिब अली के लेटर पैड पर लिखे गए 2 साल पुराने इस पत्र पर नदबई विधायक जोगिंदर अवाना के भी हस्ताक्षर दिखाए गए हैं.
अब विधायक जोगिंदर अवाना ने इस पत्र का खंडन किया है. अवाना ने कहा है कि पत्र पर दिखाए गए उनके नाम के हस्ताक्षर हकीकत में उनके हस्ताक्षर नहीं है और जल्द ही वो पत्र के माध्यम से उनकी छवि खराब करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी करेंगे.
यह लिखा है पत्र में...
असल में नगर विधायक वाजिब अली के लेटर पैड पर 12 फरवरी 2019 की तारीख का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में कहा गया है कि राजस्थान प्रदेश में अति पिछड़ा वर्ग में मेव जाती शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत पिछड़ी हुई जाती है. इस जाति को भी राजस्थान में मुख्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित किया जाए. साथ ही संविधान की नौवीं सूची में सम्मिलित करवाने की मांग भी की गई है.
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एमबीसी कोटा से नहीं की जाए छेड़छाड़...
विधायक जोगिंदर अवाना ने कहा कि उस पत्र पर दिखाए गए हस्ताक्षर उनके हस्ताक्षर नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि मेव जाति को यदि आवश्यकता है और सरकार ये महसूस करती है कि उनको आरक्षण मिलना चाहिए तो मैं भी उस हक में हूं, लेकिन एमबीसी कोटा से छेड़छाड़ ना कर के उनके लिए अलग से आरक्षण दिया जाए.
अवाना ने कहा कि कुछ खुराफाती लोग हैं, जो सोशल मीडिया पर उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं इस संबंध में पुलिस में पत्र दूंगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी करूंगा.