भरतपुर. प्रदेश में आज भी अधिकतर किसान परंपरागत खेती से जुड़े हुए हैं. लेकिन अब किसान जागरूक हो रहे हैं और प्रगतिशील तरीके से खेती या इससे जुड़े व्यवसाय कर रहे हैं. इतना ही नहीं खेती से लाखों रुपए का मुनाफा भी कमा रहे हैं. भरतपुर जिले के किसान अजीराम ने महज एक बीघा जमीन में व्यवस्थित तरीके से बटन मशरूम की खेती कर रहे हैं. इसकी पैदावार इतनी है कि हर माह लाखों की कमाई कर रहे हैं.
गोपालनगला निवासी किसान अजीराम ने बताया कि उनके पास करीब पौने दो सौ बीघा जमीन है. वो अब तक परंपरागत तरीके से सरसों, गेहूं या फिर आलू की खेती करते आ रहे हैं. लेकिन करीब डेढ़ साल पहले बातों ही बातों में मशरूम की खेती की चर्चा हुई. इसके बाद आइडिया आया और कई लोगों से बात की. लोगों ने उसका मुनाफा और पैदावार के बारे में बताया. इसके बाद एक बीघा जमीन में बटन मशरूम के लिए प्लांट तैयार करवाया.
हर दिन 500 किलो मशरूम की पैदावार : किसान अजीराम ने बताया कि प्लांट में बटन मशरूम की खेती की जा रही है. बीते तीन माह से लगातार पैदावार ली जा रही है. अजीराम ने बताया कि हर दिन करीब 500 किलो तक मशरूम उत्पादन हो रहा है. सर्दियों में मशरूम का भाव कम हो जाता है, इसलिए फिलहाल करीब 120 रुपए किलो तक भाव मिल पा रहा है.
55 दिन में तैयार किया प्लांट : मशरूम प्लांट के तकनीकी सहायक सुमित ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट में बीज मिलाकर बैग तैयार किए जाते हैं. शुरुआत में करीब 13 दिन तक प्लांट का तापमान 26 डिग्री तक रखा जाता है. इसके बाद तापमान करीब 13 से 16 डिग्री कर दिया जाता है. करीब 55 दिन में मशरूम की पैदावार तैयार हो जाती है. एक बैग से दो से तीन बार तक मशरूम उत्पादन लिया जा सकता है.
खुद ही तैयार करते हैं कम्पोस्ट : किसान अजीराम ने बताया कि पौने दो सौ बीघा जमीन से करीब 145 बीघा जमीन में आज भी परंपरागत खेती और आलू की फसल करते हैं. सरसों की फसल से तुड़ी निकलती है, उसे इकट्ठा कर 15 दिन में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करते हैं. ये बटन मशरूम में काम आ जाता है. किसान अजीराम ने बताया कि करीब 3 बीघा में अमरूद का बाग और करीब दो बीघा में बेर का बाग लगा रखा है. दोनों बागों से सीजन में अच्छा मुनाफा हो जाता है.