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21 साल के विरह के बाद जब पिता के सीने से लिपटा बेटा तो छलक पड़े आंसू

उत्तर प्रदेश के निवासी बैजनाथ गुप्ता को 'अपना घर आश्रम' ने 21 साल बाद अपने परिवार से मिला दिया है. पंजाब में एक मिठाई की दुकान पर काम करने के बाद अचानक गायब हुए बैजनाथ को देखकर उनके भाई और बेटे की आंखे नम हो गईं. सभी गले लिपटकर देर तक रोते रहे.

अपना घर आश्रम, Apna Ghar Ashram
अपना घर आश्रम ने बैजनाथ को परिवार से मिलवाया
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Published : Feb 27, 2020, 9:57 AM IST

Updated : Feb 27, 2020, 8:26 PM IST

भरतपुर. असहाय, लाचार और लावारिस लोगों के लिए खुद के घर जैसा सहारा देने वाले अपना घर आश्रम में बुधवार को उस समय हर कोई भावुक हो गया, जब 21 साल बाद एक बेटा अपने पिता से मिला. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के फाजिलनगर गांव के रहने वाले बैजनाथ गुप्ता 21 साल बाद जब अपने बेटे और भाई से मिले तो सभी उनके गले से लिपटकर देर तक रोते रहे.

21 साल पहले गायब हुए बैजनाथ को अपना घर आश्रम ने परिवार से मिलवाया

लावारिस हालत में अपना घर आश्रम लाए गए बैजनाथ गुप्ता अब काफी हद तक स्वस्थ होकर अपने घर लौट आए. इतना ही नहीं बैजनाथ ने जिस बेटी को महज डेढ़ साल की उम्र में देखा था, अब उसका 26 अप्रैल 2020 को कन्यादान कर डोली में भी विदा कर सकेंगे.

ऐसे हुए थे लापता...

यूपी के फाजिलनगर के रहने वाले बैजनाथ गुप्ता 22 साल की उम्र में अपने घर वालों से उस समय बिछड़ गए थे. जब उनकी बेटी मात्र डेढ़ साल और बेटा महज 3 साल का था. साल 1999 में बैजनाथ गुप्ता पंजाब में एक मिठाई की दुकान पर काम करने के बाद अचानक गायब हो गए थे. उनके परिजनों ने उनको ढूंढने का हर संभव प्रयास किया. लेकिन कोई सफलता नहीं मिलने पर थक हारकर बैठ गए.

पढ़ें- जोधपुर : फ्रांस से आए जोड़े ने हिन्दू रीति रिवाज से रचाई शादी

सूचना पाकर बुधवार को 21 साल बाद जब बैजनाथ का जवान हो चुका बेटा अवधेश अपने चाचा दीनबंधु के साथ अपने पिता को लेने भरतपुर के अपना घर आश्रम पहुंचा. यहां जैसे ही पिता-पुत्र और साथ आए बैजनाथ के भाई की नजरें मिलीं तो सभी एक दूसरे से लिपटकर देर तक रोते रहे. पिता पुत्र और भाई के मिलन को देखकर वहां मौजूद हर कोई भावुक हो गया.

घायल और बीमार हालत में मिले थे बैजनाथ...

अपना घर के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रहने वाले बैजनाथ गुप्ता कुछ माह पहले अपना घर के कर्मचारियों को भरतपुर जिले की डीग तहसील के बहज गांव के समीप बीमार और घायल हालत में मिले थे. बैजनाथ गुप्ता को भरतपुर के अपना घर आश्रम में भर्ती कराया गया और स्वस्थ होने पर उन्होंने अपने घर का पता भी बताया.

पढ़ें- कोटा: पुरी-बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन में बैठे जीजा-साले से 96 लाख रुपए बरामद, दोनों गिरफ्तार

यूं लगाया घर का पता...

डॉ. भारद्वाज ने बताया कि अपना घर की रेस्क्यू टीम ने जो पता बैजनाथ गुप्ता ने बताया उस पर संपर्क कर उनके सकुशल होने की जानकारी उनके परिजनों को दी. यह सूचना पाकर उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बुधवार को बैजनाथ गुप्ता के भाई और बेटा अपना घर आश्रम पहुंचे और पिता से मिलकर उन्हें अपने साथ घर ले गए.

अब खुद करेंगे बेटी का कन्यादान...

बैजनाथ गुप्ता जिस समय लापता हुए थे, उस समय उनकी बेटी की उम्र महज डेढ़ साल थी. अब उस बेटी की आगामी 26 अप्रैल को शादी होनी है और एक पिता के लिए इससे बड़ी बात क्या होगी कि वह अब अपनी बेटी का कन्यादान खुद कर पाएगा.

गौरतलब है कि अपना घर आश्रम में हजारों असहाय, लावारिस और बीमार लोगों को आश्रय दिया जाता है. यहां उनकी देखरेख और उपचार किया जाता है. घर का पता मिलने पर उन्हें स्वस्थ कर घर वापस भेज दिया जाता है.

भरतपुर. असहाय, लाचार और लावारिस लोगों के लिए खुद के घर जैसा सहारा देने वाले अपना घर आश्रम में बुधवार को उस समय हर कोई भावुक हो गया, जब 21 साल बाद एक बेटा अपने पिता से मिला. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के फाजिलनगर गांव के रहने वाले बैजनाथ गुप्ता 21 साल बाद जब अपने बेटे और भाई से मिले तो सभी उनके गले से लिपटकर देर तक रोते रहे.

21 साल पहले गायब हुए बैजनाथ को अपना घर आश्रम ने परिवार से मिलवाया

लावारिस हालत में अपना घर आश्रम लाए गए बैजनाथ गुप्ता अब काफी हद तक स्वस्थ होकर अपने घर लौट आए. इतना ही नहीं बैजनाथ ने जिस बेटी को महज डेढ़ साल की उम्र में देखा था, अब उसका 26 अप्रैल 2020 को कन्यादान कर डोली में भी विदा कर सकेंगे.

ऐसे हुए थे लापता...

यूपी के फाजिलनगर के रहने वाले बैजनाथ गुप्ता 22 साल की उम्र में अपने घर वालों से उस समय बिछड़ गए थे. जब उनकी बेटी मात्र डेढ़ साल और बेटा महज 3 साल का था. साल 1999 में बैजनाथ गुप्ता पंजाब में एक मिठाई की दुकान पर काम करने के बाद अचानक गायब हो गए थे. उनके परिजनों ने उनको ढूंढने का हर संभव प्रयास किया. लेकिन कोई सफलता नहीं मिलने पर थक हारकर बैठ गए.

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सूचना पाकर बुधवार को 21 साल बाद जब बैजनाथ का जवान हो चुका बेटा अवधेश अपने चाचा दीनबंधु के साथ अपने पिता को लेने भरतपुर के अपना घर आश्रम पहुंचा. यहां जैसे ही पिता-पुत्र और साथ आए बैजनाथ के भाई की नजरें मिलीं तो सभी एक दूसरे से लिपटकर देर तक रोते रहे. पिता पुत्र और भाई के मिलन को देखकर वहां मौजूद हर कोई भावुक हो गया.

घायल और बीमार हालत में मिले थे बैजनाथ...

अपना घर के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रहने वाले बैजनाथ गुप्ता कुछ माह पहले अपना घर के कर्मचारियों को भरतपुर जिले की डीग तहसील के बहज गांव के समीप बीमार और घायल हालत में मिले थे. बैजनाथ गुप्ता को भरतपुर के अपना घर आश्रम में भर्ती कराया गया और स्वस्थ होने पर उन्होंने अपने घर का पता भी बताया.

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यूं लगाया घर का पता...

डॉ. भारद्वाज ने बताया कि अपना घर की रेस्क्यू टीम ने जो पता बैजनाथ गुप्ता ने बताया उस पर संपर्क कर उनके सकुशल होने की जानकारी उनके परिजनों को दी. यह सूचना पाकर उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बुधवार को बैजनाथ गुप्ता के भाई और बेटा अपना घर आश्रम पहुंचे और पिता से मिलकर उन्हें अपने साथ घर ले गए.

अब खुद करेंगे बेटी का कन्यादान...

बैजनाथ गुप्ता जिस समय लापता हुए थे, उस समय उनकी बेटी की उम्र महज डेढ़ साल थी. अब उस बेटी की आगामी 26 अप्रैल को शादी होनी है और एक पिता के लिए इससे बड़ी बात क्या होगी कि वह अब अपनी बेटी का कन्यादान खुद कर पाएगा.

गौरतलब है कि अपना घर आश्रम में हजारों असहाय, लावारिस और बीमार लोगों को आश्रय दिया जाता है. यहां उनकी देखरेख और उपचार किया जाता है. घर का पता मिलने पर उन्हें स्वस्थ कर घर वापस भेज दिया जाता है.

Last Updated : Feb 27, 2020, 8:26 PM IST
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