भरतपुर. टीवी सीरियल अहिल्याबाई होलकर में महाराजा सूरजमल के व्यक्तित्व का गलत चित्रण करने का मामला तूल (Ahilyabai Serial Controversy) पकड़ता जा रहा है. जाट संगठनों के बाद अब हिंदूवादी संगठन भी सीरियल के विरोध में उतर गए हैं. बुधवार को हिंदूवादी संगठन व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से संगोष्ठी आयोजित कर सीरियल निर्माता और निर्देशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई.
आरएसएस की ओर से आयोजित संगोष्ठी में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विद्या भारती जयपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष भरत राम कुम्हार ने सीरियल निर्माता और निर्देशकों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल शूरवीर और महाप्रतापी राजाओं में से एक हैं. उनकी वीरता, पराक्रम और रणनीति का कोई सानी नहीं है. ऐसे प्रतापी महाराज को कायर कहना और उनपर असभ्य व अभद्र टिप्पणी करना निंदनीय है.
भरत राम ने कहा कि महाराजा सूरजमल वह प्रतापी राजा थे जिन्होंने पानीपत के युद्ध के समय मराठा राजा और सैनिकों की भरपूर मदद की थी. उनकी जान भी बचाई थी. इतना ही नहीं महाराजा सूरजमल ऐसे योद्धा थे जिन्होंने अपने जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारा. संगोष्ठी में आरएसएस के भरतपुर विभाग संघ संचालक भागीरथ चौधरी समेत तमाम प्रबुद्ध जन मौजूद रहे.
ये है मामला : बता दें कि पहले पानीपत फिल्म में भी महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण दिखाया (Misrepresentation of Maharaja Surajmal) गया था. गलत चित्रण की वजह से जगह-जगह फिल्म के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुआ. एक बार फिर सीरियल में महाराजा सूरजमल का गलत तथ्य दिखाने से सोनी टीवी पर प्रसारित अहिल्याबाई के खिलाफ लोगों में आक्रोश है. इसके खिलाफ अब तक नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, भरतपुर सांसद रंजीता कोली समेत कई जनप्रतिनिधि, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्रियों को लिखित शिकायत दे चुके हैं. वहीं जिले के अलग अलग 4 थानों में धारावाहिक निर्माता के खिलाफ केस दर्ज हो चुके हैं.
कौन थे महाराजा सूरजमल ? : महाराजा सूरजमल का (Who was Maharaja Surajmal) जन्म 13 फरवरी 1707 को हुआ था. उनके पिता का नाम ब्रजराज महाराजा बदन सिंह था. बदन सिंह ने सबसे पहले डीग को अपनी राजधानी बनाई. महाराजा सूरजमल ने कुछ महत्वपूर्ण युद्ध लड़े. 1755 में महाराजा सूरजमल का राज्याभिषेक किया गया. 25 दिसंबर 1763 में महाराजा सूरजमल की मौत हो गई.