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राजस्थान में लॉकडाउन में 4751 बेटियां बनी दरिंदगी का शिकार, सर्वाधिक मामले भरतपुर में दर्ज

राजस्थान में प्रतिदिन दुष्कर्म (rape in Rajasthan) की खबरें सामने आ रही हैं. पुलिस विभाग के आंकड़ों की मानें तो बेटियां लॉकडाउन में भी सुरक्षित नहीं थी. लॉकडाउन में 4751 दुष्कर्म के केस दर्ज किए गए.

rape case in Rajasthan, rape in Bharatpur
राजस्थान में रेप केस
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Published : Aug 16, 2021, 5:51 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 7:48 PM IST

भरतपुर. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में महिलाएं और बालिकाएं सर्वाधिक असुरक्षित रहीं. लॉकडाउन के दौरान लोगों का घर से बाहर निकलना बंद था. इसके बावजूद प्रदेश में 4751 महिलाएं और बालिका दरिंदगी का (rape case in Rajasthan) शिकार हुईं. चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे प्रदेश में सर्वाधिक दुष्कर्म के मामले भरतपुर में सामने आए.

पुलिस विभाग के आंकड़ों की माने तो 22 मार्च 2020 से मार्च 2021 लॉकडाउन दौरान प्रदेशभर में 4751 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए. अगर जयपुर में 496 मामले को छोड़ दिया जाए तो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक दुष्कर्म के मामले भरतपुर में 233 सामने (rape in Bharatpur) आए. वहीं भरतपुर के बाद दूसरे नंबर पर सर्वाधिक दुष्कर्म के मामले बाड़मेर जिले में 206 दर्ज हुए.

भरतपुर में सबसे अधिक रेप केस दर्ज

झूठे मामलों में फंसाने के प्रयास

भरतपुर पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई की माने तो भरतपुर जिले में लॉकडाउन के दौरान दुष्कर्म के सर्वाधिक मामले सामने आने की कई वजह रही. इनमें सबसे बड़ी वजह यह रही कि लॉकडाउन के दौरान लोग अन्य शहरों से लौटकर अपने गांव और घरों में आए.

यह भी पढ़ें. अलवर के बानसूर में मूक बधिर नाबालिग से दुष्कर्म, पीड़िता और उसके परिजनों से मिली एसपी

भरतपुर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि गांव लौटने के बाद लोगों के बीच जमीनी विवाद के मामले बढ़े. जिससे दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए भी दुष्कर्म के केस को हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया. यही वजह है कि भरतपुर में सामने आए दुष्कर्म के 233 मामलों में से करीब 43 मामले झूठे पाए गए.

यह भी पढ़ें. खाकी का सियासी रंग, DGP एमएल लाठर ने कहा कि राजस्थान में 37 फीसदी महिला अपराध के दर्ज होते हैं झूठे मामले

प्रदेश के टॉप 10 असुरक्षित शहर

शहरदर्ज दुष्कर्म केस
जयपुर 496
भरतपुर233
बाड़मेर 206
उदयपुर 190
अलवर 189
कोटा 183
अजमेर 182
जोधपुर 180
भिवाड़ी 172
श्रीगंगानगर 171


45 आरोपी गिरफ्तार

पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में दर्ज हुए 233 मामलों में से मार्च 2021 तक 45 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जबकि 108 आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं. वहीं मार्च 2021 तक करीब 80 मामलों की जांच पेंडिंग थी. जिनमें से बाद के महीनों में कई मामलों की जांच पूरी कर ली गई.

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश भर में तेजी से बढ़े दुष्कर्म के मामलों को लेकर कई राजनीतिक संगठनों ने भी कई बार राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था.

भरतपुर. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में महिलाएं और बालिकाएं सर्वाधिक असुरक्षित रहीं. लॉकडाउन के दौरान लोगों का घर से बाहर निकलना बंद था. इसके बावजूद प्रदेश में 4751 महिलाएं और बालिका दरिंदगी का (rape case in Rajasthan) शिकार हुईं. चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे प्रदेश में सर्वाधिक दुष्कर्म के मामले भरतपुर में सामने आए.

पुलिस विभाग के आंकड़ों की माने तो 22 मार्च 2020 से मार्च 2021 लॉकडाउन दौरान प्रदेशभर में 4751 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए. अगर जयपुर में 496 मामले को छोड़ दिया जाए तो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक दुष्कर्म के मामले भरतपुर में 233 सामने (rape in Bharatpur) आए. वहीं भरतपुर के बाद दूसरे नंबर पर सर्वाधिक दुष्कर्म के मामले बाड़मेर जिले में 206 दर्ज हुए.

भरतपुर में सबसे अधिक रेप केस दर्ज

झूठे मामलों में फंसाने के प्रयास

भरतपुर पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई की माने तो भरतपुर जिले में लॉकडाउन के दौरान दुष्कर्म के सर्वाधिक मामले सामने आने की कई वजह रही. इनमें सबसे बड़ी वजह यह रही कि लॉकडाउन के दौरान लोग अन्य शहरों से लौटकर अपने गांव और घरों में आए.

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भरतपुर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि गांव लौटने के बाद लोगों के बीच जमीनी विवाद के मामले बढ़े. जिससे दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए भी दुष्कर्म के केस को हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया. यही वजह है कि भरतपुर में सामने आए दुष्कर्म के 233 मामलों में से करीब 43 मामले झूठे पाए गए.

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प्रदेश के टॉप 10 असुरक्षित शहर

शहरदर्ज दुष्कर्म केस
जयपुर 496
भरतपुर233
बाड़मेर 206
उदयपुर 190
अलवर 189
कोटा 183
अजमेर 182
जोधपुर 180
भिवाड़ी 172
श्रीगंगानगर 171


45 आरोपी गिरफ्तार

पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में दर्ज हुए 233 मामलों में से मार्च 2021 तक 45 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जबकि 108 आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं. वहीं मार्च 2021 तक करीब 80 मामलों की जांच पेंडिंग थी. जिनमें से बाद के महीनों में कई मामलों की जांच पूरी कर ली गई.

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश भर में तेजी से बढ़े दुष्कर्म के मामलों को लेकर कई राजनीतिक संगठनों ने भी कई बार राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था.

Last Updated : Aug 16, 2021, 7:48 PM IST
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