भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के जैव विविधता भंडार में वृद्धि करने के लिए उद्यान प्रशासन जल्द ही महत्वपूर्ण कदम उठाएगा. दो माह पहले 4 काले हिरणों की सफलतापूर्वक शिफ्टिंग के बाद अब जल्द ही 100 काले हिरणों की शिफ्टिंग की जाएगी. इसके लिए सरकार से अनुमति मिल गई है. इतना ही नहीं धौलपुर से ऑटर की शिफ्टिंग भी जल्द कर दी जाएगी.
डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि राज्य सरकार से और काले हिरण शिफ्ट करने की अनुमति मिल गई है. ऐसे में पड़ोसी जिले करौली से 100 काले हिरण शिफ्ट किए जाएंगे. इसके लिए करौली में काले हिरणों का रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया है. बरसात के मौसम की वजह से काले हिरणों को रेस्क्यू करने में थोड़ी दिक्कत है. जैसे-जैसे काले हिरण रेस्क्यू होते रहेंगे, उन्हें घना शिफ्ट करते रहेंगे. संभवतः बरसात के बाद एक साथ अच्छी संख्या में काले हिरण घना में शिफ्ट कर दिए जाएंगे.
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चारों काले हिरण स्वस्थ: डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि ट्रायल के रूप में करीब दो माह पूर्व करौली से चार काले हिरण घना में शिफ्ट किए गए थे. एक माह तक इनको एंक्लोजर में रखा गया था. उसके बाद एक माह से ये सभी काले हिरण घना के एल और अन्य ब्लॉक में विचरण कर रहे हैं. सभी काले हिरण स्वस्थ हैं और उन पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. इन चारों काले हिरणों को उद्यान का हेबिटाट रास आ रहा है.
धौलपुर से लाएंगे ऑटर: डीएफओ ने बताया कि पूर्व में ऑटर के लिए भी सरकार से अनुमति मिल चुकी है. धौलपुर में ऑटर के रेस्क्यू के प्रयास जारी हैं. ऑटर का सफल रेस्क्यू होते ही इनकी भी घना में शिफ्टिंग कर दी जाएगी.
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जैव विविधता में होगा इजाफा: असल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 1980 के दशक में काले हिरण, फिशिंग कैट और ऑटर की मौजूदगी थी. उस समय केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का प्राकृतिक आवास इन वन्यजीवों के अनुकूल था. लेकिन धीरे-धीरे यहां का हेबिटाट प्रभावित हुआ, तो ये वन्यजीव यहां से लुप्त हो गए. ऐसे में अब उद्यान प्रशासन रिइंट्रोड्यूस प्रोग्राम के तहत काले हिरण, ऑटर को यहां पुनर्वासित करने में जुटा है. इससे यहां आने वाले पर्यटक फिर से काले हिरण और ऑटर की साइटिंग कर पाएंगे.