बाड़मेर. भारत-पाक सीमा से सटे बीजराड़ थाना क्षेत्र में बीते करीब ढाई महीने से लापता चल रहे 20 साल के गेमरारमा के सकुशल होने की खबर जब परिजनों तक पहुंची तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लेकिन दूसरे ही पल उनके पैरों तले जमीन यह सुनकर खिसक गई कि उनका बेटा पाकिस्तान की जेल में बंद है. पाकिस्तान से खराब रिश्ते और दुश्मन देश की सलाखों में कैद बेटे की खबर ने गेमराराम के परिजनों को चिंता में डाल दिया है. गमराराम पाकिस्तान कैसे पहुंचा, इसके पीछे की कहानी बदनामी के एक डर से जुड़ी है, जिसने उसे सीमा पार कर दुश्मन देश पहुंचा दिया.
दरअसल मामला कुछ यूं है?
दरअसल, यह मामला बाड़मेर में बीजराड़ थाना क्षेत्र का है. जहां का निवासी गेमरा राम मेघवाल, जोधपुर में मजदूरी करता था. बीते 5 नवंबर 2020 को वह बीजराड़ यानी अपने गांव आया था. युवक अपने घर जाने की बजाय, पड़ोस में रह रही एक युवती से मिलने चला गया. युवक और युवती में पहले से ही प्रेम-प्रसंग चल रहा था. लेकिन इस मुलाकात को जब युवती के परिजनों ने देखा तो उसे पकड़ लिया. इस दौरान युवक के साथ मारपीट हुई या कुछ और यह तो जांच का विषय है. लेकिन इस घटना के बाद गेमराराम अपनी बदनामी सहन नहीं कर सका और वह वहां से भाग गया. युवक जब लापता हुआ तो उसके परिजनों ने उसकी हर संभव तलाश की.
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इस बीच परिजनों ने उसके पाकिस्तानी क्षेत्र में घुस जाने की आशंका भी पुलिस के समक्ष व्यक्त की. पुलिस तफ्तीश कर ही रही रही थी कि इस बीच, पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ को किसी अज्ञात युवक के उनके क्षेत्र में घुसपैठ होने और जेल में बंद होने की जानाकारी दी. यह जानकारी बीएसएफ चौकी से पुलिस तक पहुंची तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि जिस गेमराराम की पुलिस तलाश कर रही थी पाकिस्तान में है.
पुलिस के मुताबिक बाड़मेर से सटी हुई भारत-पाक की सीमा की तारबंदी को पार कर वह युवक पाकिस्तान चला गया था. पाकिस्तान की सीमा में घुसते ही युवक को 6 नवंबर 2020 को ही पाक रेंजर्स ने पकड़ लिया था. तब से वह करीब 77 दिन से पाकिस्तान की जेल में बंद है. अब युवक के परिजन लगातार पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधि से गुहार लगा रहे हैं.