बालोतरा (बाड़मेर). उपखंड सहित ग्रामीण अंचल में मंगलवार को बछबारस पर्व परंपरागत रूप से मनाया गया. इस पर्व के दिन महिलाओं और कन्याओं ने विधिवत रुप से गाय और बछड़ों की पूजा-अर्चना कर दान-पुण्य किया. साथ ही परिवार और क्षेत्र में खुशहाली की कामना की.
इस दौरान परंपरागत तरीके से लोगों ने बछबारस के दिन बाजरे का आहार न करके अन्य अन्न का आहार पशुओं को ग्रहण कराया. बछबारस को लेकर पूरे दिन हरे चारे की दुकानों पर भीड़ देखने को मिली. जिन घरों में गाय है, उन घरों में दिनभर नए परिधानों में सजी-धजी महिलाओं और कन्याओं की हलचल रही.
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खास बात ये कि इस पर्व पर गौ-माता को हरा चारा खिलाने से लेकर पूजन करने तक, लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला. इसके अलावा निसंतान दंपतियों ने पुत्र प्राप्ति की भी कामना की. सभी मांओं ने अपने बेटों को तिलक लगाकर लड्डू खिलाया. पूजा के बाद महिलाओं ने पर्व की कहानी का श्रवण किया. इस दिन विशेष तौर पर बाजरे की रोटी और बिना चाकू के काम में ली गई सब्जियां बनाई गई.
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महिलाओं ने बताया कि आज के दिन गेहूं, चावल और गौरस से बनी खाघ सामग्री नहीं खाते. महिलाओं ने पूजा सामग्री से सजी धजी थाली लेकर गाय और बछड़े को चना, मूंग, मोठ, मक्का, दही आदि खिलाया और वस्त्र ओढ़ाकर पूजा किया और पूंछ को सिर पर लगाकर गाय और बछड़े की परिक्रमा की गई. इसके अलावा महिलाओं ने गोपालक को अनेक प्रकार के वस्त्र भी भेंट किए.