बाड़मेर. डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम में जिले की 200 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया. शुक्रवार को बाड़मेर जिले के इसरोल, सनावड़ा और चिमनासर गांव में आयोजित डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के समापन किया गया. इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय फैशन डिडाइनर डॉक्टर रूमा देवी ने कहा कि आज के समय में एंड्रॉइड फोन सिर्फ बातचीत करने तक ही सिमित नहीं रहा. हैंडीक्राफ्ट काम से जुड़े गांव के लोग इसका उपयोग सीख कर घर बैठे विश्व के किसी भी कोने में अपना सामान बेच सकते है और अपनी और अपने परिवार की आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं.
इस कार्यक्रम में जाग्रति प्रोजेक्ट की समन्वयक आन्या ने मोबाइल फोन से अकाउंट बनाना, लेन - देन करना, वेबसाइट पर बाड़मेर हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को जोड़ना सहित अन्य प्रशिक्षण देकर तकनीकी जानकारी प्रदान की. रुमा देवी और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर ज्योति ने जाग्रति प्रोजेक्ट के तहत नोजी देवी, दरिमा देवी, लेहरों देवी, कमला देवी, सुगड़ी देवी, गीता देवी, आसू देवी, मांगी देवी, मोनी देवी, गवरी देवी, छगनी देवी, सीता देवी आदि कशीदाकारी करने वाली जागरूक महिलाओं को नि: शुल्क एंड्रॉइड मोबाइल फोन भेंट किए. नि: शुल्क एंड्रॉइड फोन पाकर महिला दस्तकारों के चेहरे खुशी से खिल उठे.
ग्रामीण विकास और चेतना संस्थान के सचिव विक्रम सिंह ने बताया कि डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम के पहले चरण में अभी तक 200 महिला दस्तकार लाभान्वित हुए हैं. कार्यक्रम के अगले चरण में जिले के अन्य भागों में कार्यक्रम चला कर महिला दस्तकारों को लाभान्वित किया जाएगा.
बाड़मेर में मनाया गया क्रिसमस डे
क्रिसमस डे के मौके पर शुक्रवार को बाड़मेर के उत्तरलाई रोड स्थित चर्च में यीशु की प्रार्थना कर भगवान यीशु को याद किया. विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन कर यीशु की कथा सुनाई गई. हालांकि कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना के अनुरूप ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसी कड़ी में दोपहर को बाड़मेर कलेक्ट्रेट कार्यालय में सांता क्लॉज बन कर बच्चे पहुंचे और जिला कलेक्टर विश्राम मीणा को मास्क और सैनिटाइजर भेंट किए. कलेक्टर ने बच्चों की इस पहल की सराहना की.
बाड़मेर के उत्तरलाई रोड स्थित चर्च मे क्रिसमिस डे के मौके पर विशेष क्रिसमिस ट्री को सजाया गया और साथ ही यीशु की प्रार्थना कर भगवान यीशु को याद किया गया और यीशु की कथा सुनाई गई और भगवान यीशु के जन्म दिवस को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
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चर्च के फादर जॉय ने बताया कि कोविड-19 की वजह से इस बार कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया. कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुरूप ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया और क्रिसमिस डे के अवसर पर यीशु की प्रार्थना कर भगवान यीशु को याद किया गया. उन्होंने कहा कि ईसा मसीह के जन्म व उनके संघर्ष के बारे में बताया गया.