बाड़मेर. राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की दिक्कत सामने आना शुरू हो गई है. आलम यह है कि लोकल स्तर पर अधिकारी और नेता इस मामले में कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं. लिहाजा लोगों को गांव से जिला कलेक्टर के पास पहुंचकर पानी की समस्या की दास्तान सुनानी पड़ रही हैं.
ऐसे में मंगलवार को सिणधरी पंचायत समिति और गडरा पंचायत समिति के कई गांवों के दर्जनो लोग जिला मुख्यालय पर पहुंचकर जिला कलेक्टर को पानी की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपा. इस दौरान ग्रामीणों का कहना है कि अभी हालात यह है, तो आप सोचे आने वाले समय में गर्मी और तेज होगी तो क्या हालत होगी. सबसे बड़ी दिक्कत तो इंसानों के साथ मवेशियों के लिए आ रही है, क्योंकि जिस तरीके की गर्मी मार्च के महीने में हो रही है, हम बिना खाना खाए या मवेशी बिना चारा खाए तो रह सकता है, लेकिन बिना पानी पिए नहीं रह सकता है.
इसीलिए हम लोग अपनी दास्तान सुनाने के लिए जिला कलेक्टर के पास आए हैं, क्योंकि पानी के लिए कई किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ता है या फिर पानी की सप्लाई पूरी नहीं आ रही है, तो दूसरी ओर पानी के टैंकर डलवाने के लिए हमारे पास पैसे नहीं है. टैंकर के लिए 500 से लेकर 1200 तक की हो गई है. हमने इसके बारे में कई बार नेताओं से लेकर स्थानीय अधिकारियों को बताया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. बार-बार उनसे हमने अर्जी देकर यह कहा कि पानी की समस्या, पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर जाना पड़ रहा है, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है.
पढ़ें- सदन में गूंजा फोन टैपिंग मामला, भाजपा ने वेल में किया हंगामा, स्थगन को स्पीकर ने किया खारिज
नेता तो वोट लेने के लिए आते हैं, उसके बाद जब पानी की समस्या को लेकर उनके पास जाते हैं, तो कह देते हैं कि हम आने वाले दिनों में आप की पानी की समस्या को समाधान कर देंगे, अब देखने वाली बात होगी कि जब मार्च के महीने में यह हालात है तो अप्रैल और मई के महीने में रेगिस्तान में पानी की समस्या को लेकर लोगों को किस तरीके से हालात से गुजरना पड़ेगा.