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जातीय पंचों का तुगलकी फरमान, दंड नहीं भरने पर 12 साल के लिए समाज से किया बहिष्कृत

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Published : Aug 13, 2021, 11:07 AM IST

Updated : Aug 13, 2021, 11:42 AM IST

बाड़मेर के सिवाना से तुगलकी फरमान का एक मामला सामने आया है. यहां जातीय पंचों ने मिलकर दो भाईयों पर 34 लाख का जुर्माना लगाया और उन्हें समाज से बहिष्कृत करने का ऐलान कर दिया. दोनो भाई अब न्यायालय की शरण में हैं.

tuglaqi Farman
जातीय पंचों का तुगलकी फरमान

सिवाना(बाड़मेर): सिवाना क्षेत्र के लूदराडा गांव में समाज से बहिष्कृत कर 34 लाख के जुर्माना लगाने पर जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. प्राथी खंगारसिंह (पुत्र सोन सिंह) और फोजराज सिंह (पुत्र सोनजी) निवासी लूदराडा ने न्यायालय में इस्तगासा पेश कर जातीय पंच माधुसिंह (पुत्र प्रभुसिंह सोढा मायलावास), भंवरसिंह (पुत्र जयसिंह फोदर , वगदसिंह (पुत्र राणसिंह फोदर), रामसिंह (पुत्र पूनमसिंह भँवरानी) और शैतानसिंह (पुत्र प्रेमसिंह भवरानी) पर आरोप लगाया है कि इन्होंने मिलकर उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया. इन पंचों ने मिलकर उसका हुक्का पानी बन्द करने का फरमान जारी कर दिया है.

खाप का फरमान : जमीन देने से किया इनकार तो 80 साल की बुजुर्ग महिला को समाज से किया बेदखल

इस्तगासे में भाइयों ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है. उन्होंने इसे प्रेम विवाह को लेकर खफा पंचों की ज्यादती करार दिया है. बताया है कि उनके परिवार की एक लड़की ने मर्जी से शादी कर ली थी. जाति से बाहर बनाया गया संबंध पंचों को अखर गया और एक झूठे केस में फंसा दिया. भाइयों के मुताबिक उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया.

आरोपियों ने पीड़ित पक्ष को प्रताड़ित करने का क्रम जारी रखा. झूठी पंचायत बुलाई और दोनों के ऊपर 17-17 लाख रुपए का दण्ड लगा दिया. इस चेतावनी के साथ कि अगर दण्ड नहीं भरा तो उन्हें बारह साल के लिए समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा. भाइयों के मुताबिक उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया.

आखिर किस षड्यंत्र की बात कर रहे हैं ये! : भाइयों की मानें तो इनके घर की लड़की के मनचाहे फैसले से नाराज उसके भाई ने कथित तौर पर आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी. अब इनका (पीड़ित) आरोप है कि पंच उसे ही मुद्दा बनाकर इन्हें फंसा रहे हैं. हालांकि इनके अनुसार ये दोषमुक्त हैं.

दण्ड का ब्योरा: पंचों ने षडयंत्र के तौर पर झूठा आरोप लगाकर 1,02,000/- पहले मुचलके के भरवाये और फिर 34 लाख रुपये बतौर दंड चुकाने को कहे. दंड की राशि भरने पर असमर्थता जताने पर पंचों (माधोसिंह, भंवरसिंह, रामसिंह, वगताराम और शैतानसिंह) ने दोनों भाईयों को भरी पंचायत में बेइज्जत किया. आरोप है कि दोनों को खूब गालियां भी दी गई. उन्हें जाजम से नीचे जाने की धमकी दी. जब वो नहीं हटे तो उन्हें जबरन धक्का देकर हटाया गया.

इन शर्तों के साथ हुक्का पानी बंद: आज के बाद 12 साल तक इन दोनों भाईयों से बातचीत, व्यवहार, शादी विवाह मौत शोक, सभा और अन्य उत्सवो पर नहीं बुलाया जायेगा और न ही कोई जायेगा. अगर किसी ने पंचों के फैसले पर ऊंगली उठाई तो 02-02 लाख का जुर्माना लगाया जायेगा.

भाइयों का छलका दर्द: पंचायत के इस फरमान के बाद से ही दोनों भाइयों को कोई बुला नहीं रहा है. इनके परिवार को नीची नजरों से देखा जाने लगा है. और इन्हें किसी भी समारोह में बुलाया नही जा रहा है. समाज द्वारा बहिष्कृत किए गए खंगार सिंह की उम्र 77 वर्ष व फोजराज की उम्र 67 वर्ष है.

सिवाना(बाड़मेर): सिवाना क्षेत्र के लूदराडा गांव में समाज से बहिष्कृत कर 34 लाख के जुर्माना लगाने पर जातीय पंचों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. प्राथी खंगारसिंह (पुत्र सोन सिंह) और फोजराज सिंह (पुत्र सोनजी) निवासी लूदराडा ने न्यायालय में इस्तगासा पेश कर जातीय पंच माधुसिंह (पुत्र प्रभुसिंह सोढा मायलावास), भंवरसिंह (पुत्र जयसिंह फोदर , वगदसिंह (पुत्र राणसिंह फोदर), रामसिंह (पुत्र पूनमसिंह भँवरानी) और शैतानसिंह (पुत्र प्रेमसिंह भवरानी) पर आरोप लगाया है कि इन्होंने मिलकर उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया. इन पंचों ने मिलकर उसका हुक्का पानी बन्द करने का फरमान जारी कर दिया है.

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इस्तगासे में भाइयों ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है. उन्होंने इसे प्रेम विवाह को लेकर खफा पंचों की ज्यादती करार दिया है. बताया है कि उनके परिवार की एक लड़की ने मर्जी से शादी कर ली थी. जाति से बाहर बनाया गया संबंध पंचों को अखर गया और एक झूठे केस में फंसा दिया. भाइयों के मुताबिक उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया.

आरोपियों ने पीड़ित पक्ष को प्रताड़ित करने का क्रम जारी रखा. झूठी पंचायत बुलाई और दोनों के ऊपर 17-17 लाख रुपए का दण्ड लगा दिया. इस चेतावनी के साथ कि अगर दण्ड नहीं भरा तो उन्हें बारह साल के लिए समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा. भाइयों के मुताबिक उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया.

आखिर किस षड्यंत्र की बात कर रहे हैं ये! : भाइयों की मानें तो इनके घर की लड़की के मनचाहे फैसले से नाराज उसके भाई ने कथित तौर पर आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी. अब इनका (पीड़ित) आरोप है कि पंच उसे ही मुद्दा बनाकर इन्हें फंसा रहे हैं. हालांकि इनके अनुसार ये दोषमुक्त हैं.

दण्ड का ब्योरा: पंचों ने षडयंत्र के तौर पर झूठा आरोप लगाकर 1,02,000/- पहले मुचलके के भरवाये और फिर 34 लाख रुपये बतौर दंड चुकाने को कहे. दंड की राशि भरने पर असमर्थता जताने पर पंचों (माधोसिंह, भंवरसिंह, रामसिंह, वगताराम और शैतानसिंह) ने दोनों भाईयों को भरी पंचायत में बेइज्जत किया. आरोप है कि दोनों को खूब गालियां भी दी गई. उन्हें जाजम से नीचे जाने की धमकी दी. जब वो नहीं हटे तो उन्हें जबरन धक्का देकर हटाया गया.

इन शर्तों के साथ हुक्का पानी बंद: आज के बाद 12 साल तक इन दोनों भाईयों से बातचीत, व्यवहार, शादी विवाह मौत शोक, सभा और अन्य उत्सवो पर नहीं बुलाया जायेगा और न ही कोई जायेगा. अगर किसी ने पंचों के फैसले पर ऊंगली उठाई तो 02-02 लाख का जुर्माना लगाया जायेगा.

भाइयों का छलका दर्द: पंचायत के इस फरमान के बाद से ही दोनों भाइयों को कोई बुला नहीं रहा है. इनके परिवार को नीची नजरों से देखा जाने लगा है. और इन्हें किसी भी समारोह में बुलाया नही जा रहा है. समाज द्वारा बहिष्कृत किए गए खंगार सिंह की उम्र 77 वर्ष व फोजराज की उम्र 67 वर्ष है.

Last Updated : Aug 13, 2021, 11:42 AM IST
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