बाड़मेर. नागौर के दलित युवक और बाड़मेर के अल्पसंख्यक युवक के साथ मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद गहलोत सरकार के कानून व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हो गए है. वहीं मारपीट के वीडियो वायरल मामले को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद अब प्रशासन हरकत में आया है. बाड़मेर जिला पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने इस पूरे मामले में विशाला चौकी के तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है.
बाड़मेर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी के अनुसार प्रथम दृष्टया इस मामले में यह लापरवाही सामने आई है, कि जब चौकी में मोती सिंह के द्वारा रिपोर्ट दी गई, उस वक्त इस रिपोर्ट को दर्ज नहीं किया गया. जिसके चलते लापरवाही के आरोप में इन तीनों को सस्पेंड किया गया है.
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अब पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है, कि आखिर पीड़ित परिवार की ओर से जो रिपोर्ट दी गई थी, उसमें कितनी सच्चाई है. लिहाजा मेडिकल करवाया जा रहा है. वहीं पुलिस ने इस पूरे मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ कर रही है.
अल्पसंख्यक युवक मारपीट वीडियो वायरल के बाद 24 घंटे पहले पुलिस ने मामला दर्ज उसके भाई के कहने पर किया था. उसके बाद पुलिस का तत्काल कार्रवाई करते हुए 2 लोगों को उस वक्त गिरफ्तार किया था. वहीं मुख्य आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले में गहलोत सरकार की जबरदस्त तरीके से किरकिरी हुई है. वहीं बीजेपी ने गहलोत सरकार की कानून व्यवस्था को अपने निशाने पर लिया है.