बाड़मेर. प्रदेश में मानसून दस्तक देने ही वाला है. ऐसे में किसान अब फसल बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के इस कार्य ने किसानों की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं. दरअसल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफी का ऐलान किया था और सत्ता में आने के बाद बादे के अनुरुप सरकार ने किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ कर दिए. लेकिन अभी किसानों के लिए मुसीबत आने वाली थी क्योंकि सरकार ने जिन किसानों के ऋण माफ किए उन सभी को डिफॉल्टर घोषित कर दिया. ऐसे में अब उन किसानों को फसल ऋण नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
सरहदी जिले बाड़मेर में 30 हजार से ज्यादा किसानों को सरकार ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है. जिसके चलते उन्हें पिछले करीब 3 वर्षों से फसली ऋण नहीं मिला है. अब किसान जीएसएस से लेकर कोऑपरेटिव सोसाइटी (Cooperative Society) की मुख्य शाखा तक के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन किसानों को यहां भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं. क्योंकि मानसून अब कभी भी दस्तक दे सकता है. हालांकि सरकार ने कुछ दिन पहले जिले के कोऑपरेटिव बैंकों को अवधि पार किसानों को ऋण देने के निर्देश दिए हैं.
किसानों के अनुसार कर्जमाफी के बाद से ही उन्हें ऋण नहीं मिल पा रहा है. डिफॉल्टर होने की वजह से उनका फिंगर भी नही लग रहा है. अब मानसून भी आने वाला है. अगर ऋण नहीं मिल पाया तो उनके लिए फसल बुवाई करना भी मुश्किल जाएगा.
हरसाणी जीएसएस अध्यक्ष देवीसिंह भाटी ने बताया कि कांग्रेस ने चुनाव में किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की थी और सरकार बनने के बाद किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ भी कर दिए. लेकिन उन किसानों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया. जिसकी वजह पिछले काफी समय से किसानों को फसली ऋण नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में किसानों को धक्के खाने पड़ रहे हैं. वहीं कॉपरेटिव बैंक के मुख्य प्रबंध निदेशक रामसुख चौधरी ने बताया कि अवधिपार किसानों के फसली ऋण को लेकर सरकार की ओर से नए आदेश जारी कर दिए गए हैं. लेकिन इसमें कुछ ऑनलाइन प्रक्रिया विचाराधीन है. लगभग एक सप्ताह के बाद अवधिपार किसानों को फसली ऋण मिल सकेगा.