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वीर सपूतों की याद में 'थार के वीर' कार्यक्रम , शहीद परिवारों को किया सम्मानित

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Published : Feb 29, 2020, 10:01 PM IST

बाड़मेर में शनिवार को मरुभूमि के वीर सपूतों की याद में थार के वीर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस आयोजन में शहीद परिवारों को सम्मानित किया गया. इससे पहले थार के वीर कार्यक्रम 26 फरवरी 2019 को आयोजित किया गया था.

Thar ke Veer, Martyred families honored
वीर सपूतों की याद में थार के वीर 2 का आयोजन

बाड़मेर. शहीदों और मरूभूमि के वीर सपूतों की याद में एक बार फिर थार के वीर 2 का आयोजन आदर्श स्टेडियम में हुआ. जिसमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार शौर्य, चक्र विजेता अनुराग कुमार, दो मर्तबा एवरेस्ट फतह करने वाली सैन्य अधिकारी दीपिका सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की.

वीर सपूतों की याद में थार के वीर 2 का आयोजन

कार्यक्रम में शहीद परिवारों का सम्मान किया गया. साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी की गई. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को देखने के लिए जिलेभर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे और शहीद परिवारों की हौसला अफजाई कर रहे थे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि कारगिल की लड़ाई के दौरान 4 जुलाई 1999 को राइफलमैन संजय कुमार को मास्को वैलीपॉइंट के टॉप पर कब्जा करने के लिए भेजा गया था. उस समय संजय कुमार आक्रमक बस्ती के अग्रिम स्काउट के रूप में कार्य करने के लिए अपनी इच्छा से आगे आए.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम के शिष्य शिवा और प्रकाश को दी राहत, सरकार और पीड़िता की याचिका खारिज

आक्रमण के दौरान जब अंदर से गोलाबारी हुई तो राइफलमैन संजय कुमार ने यह मशीन गन संभाली और बाकी दुश्मनों को मार गिराया. भारी खून बहने के बावजूद भी उन्होंने वहां से जाने से इंकार कर दिया. उनको इसी से प्रेरणा मिली और विषम परिस्थितियों की परवाह नहीं करते हुए दुश्मन पर आक्रमण कर दिया और उनके कब्जे से टॉप छीन लिया.

राइफल संजय कुमार ने इतिहास को देखते हुए भारतीय सेना ने उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया. आज परमवीर चक्र राइफलमैन संजय कुमार ने उस वक्त की कहानी को साझा किया और बताया कि मुझे इस बात का बेहद फक्र है कि राजस्थान के अंतिम बॉर्डर पर था कि वीर कार्यक्रम में उस कहानी को बताने के लिए बुलाया गया. मैं आज हजारों लोगों के सामने कारगिल के 1999 की उस वक्त की कहानी को साझा करने का अवसर मिला.

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शौर्य चक्र विजेता अनुराग कुमार ने कहा कि हम किसी भी क्षेत्र में काम करें, उसके प्रति ईमानदारी रखें. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से युवाओं में देश भक्ति का जज्बा कायम रहता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिए.

वहीं सैन्य अधिकारी दीपिका राठौड़ ने कहा कि बाड़मेर की धरती पर कदम रख कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने शहीद परिवारों की हौसला अफजाई की. डीआईजी गुरपाल सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं में देश के लिए मर मिटने का साहस जागृत होता है. इस दौरान रावत त्रिभुवन सिंह समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया और आमजन को देश के लिए शहीद होने वाले जवानों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया.

पढ़ेंः जयपुर में साइबर ठगी का और एक मामला आया सामने, खाते से साफ किए 1 लाख रुपए

कार्यक्रम के दौरान शहीद परिवारों का सम्मान भी किया गया. आदर्श स्टेडियम बाड़मेर में कार्यक्रम के दौरान कैप्टन ही सिंह भाटी, आजाद सिंह राठौड़, रघुवीर सिंह, तामलोर प्रेमाराम, भादू अशोक राजपुरोहित, एमबीसी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष स्वरूपी सुथार, भारती महेश्वरी समेत कार्यक्रम से जुड़े कई लोग मौजूद रहे. बता दें इससे पहले थार के वीर कार्यक्रम 26 फरवरी 2019 को आयोजित किया गया था. थार के वीर 2 पूरे 1 साल के इंतजार के बाद शनिवार को दूसरी बार आयोजित हुआ.

बाड़मेर. शहीदों और मरूभूमि के वीर सपूतों की याद में एक बार फिर थार के वीर 2 का आयोजन आदर्श स्टेडियम में हुआ. जिसमें परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार शौर्य, चक्र विजेता अनुराग कुमार, दो मर्तबा एवरेस्ट फतह करने वाली सैन्य अधिकारी दीपिका सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की.

वीर सपूतों की याद में थार के वीर 2 का आयोजन

कार्यक्रम में शहीद परिवारों का सम्मान किया गया. साथ ही उनकी हौसला अफजाई भी की गई. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को देखने के लिए जिलेभर से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे और शहीद परिवारों की हौसला अफजाई कर रहे थे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि कारगिल की लड़ाई के दौरान 4 जुलाई 1999 को राइफलमैन संजय कुमार को मास्को वैलीपॉइंट के टॉप पर कब्जा करने के लिए भेजा गया था. उस समय संजय कुमार आक्रमक बस्ती के अग्रिम स्काउट के रूप में कार्य करने के लिए अपनी इच्छा से आगे आए.

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आक्रमण के दौरान जब अंदर से गोलाबारी हुई तो राइफलमैन संजय कुमार ने यह मशीन गन संभाली और बाकी दुश्मनों को मार गिराया. भारी खून बहने के बावजूद भी उन्होंने वहां से जाने से इंकार कर दिया. उनको इसी से प्रेरणा मिली और विषम परिस्थितियों की परवाह नहीं करते हुए दुश्मन पर आक्रमण कर दिया और उनके कब्जे से टॉप छीन लिया.

राइफल संजय कुमार ने इतिहास को देखते हुए भारतीय सेना ने उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया. आज परमवीर चक्र राइफलमैन संजय कुमार ने उस वक्त की कहानी को साझा किया और बताया कि मुझे इस बात का बेहद फक्र है कि राजस्थान के अंतिम बॉर्डर पर था कि वीर कार्यक्रम में उस कहानी को बताने के लिए बुलाया गया. मैं आज हजारों लोगों के सामने कारगिल के 1999 की उस वक्त की कहानी को साझा करने का अवसर मिला.

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शौर्य चक्र विजेता अनुराग कुमार ने कहा कि हम किसी भी क्षेत्र में काम करें, उसके प्रति ईमानदारी रखें. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से युवाओं में देश भक्ति का जज्बा कायम रहता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिए.

वहीं सैन्य अधिकारी दीपिका राठौड़ ने कहा कि बाड़मेर की धरती पर कदम रख कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने शहीद परिवारों की हौसला अफजाई की. डीआईजी गुरपाल सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं में देश के लिए मर मिटने का साहस जागृत होता है. इस दौरान रावत त्रिभुवन सिंह समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया और आमजन को देश के लिए शहीद होने वाले जवानों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया.

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कार्यक्रम के दौरान शहीद परिवारों का सम्मान भी किया गया. आदर्श स्टेडियम बाड़मेर में कार्यक्रम के दौरान कैप्टन ही सिंह भाटी, आजाद सिंह राठौड़, रघुवीर सिंह, तामलोर प्रेमाराम, भादू अशोक राजपुरोहित, एमबीसी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष स्वरूपी सुथार, भारती महेश्वरी समेत कार्यक्रम से जुड़े कई लोग मौजूद रहे. बता दें इससे पहले थार के वीर कार्यक्रम 26 फरवरी 2019 को आयोजित किया गया था. थार के वीर 2 पूरे 1 साल के इंतजार के बाद शनिवार को दूसरी बार आयोजित हुआ.

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