सिवाना (बाड़मेर). जिले के जोधपुर सीमा से सटे चिरडिया गांव में एक परिवार के कोरोना पॉजिटिवों के संपर्क में आने की खबर क्षेत्र में फैल गई. जिसके बाद परिवार के सदस्य पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने की संभावित सूचना पर चिकित्सा विभाग की टीम बुधवार को जांच के लिए पहुंची. टीम ने मौके पर जाम पहुंच कर जानकारी ली, जिसमें पाया गया कि पॉजिटिव केस के आने से करीब दो-तीन दिन पहले परिवार जोधपुर जिले के धुंधाड़ा गांव के निकटवर्ती उतेसर गांव से जाकर आया था. जिस पर चिकित्सा विभाग ने राहत की सांस ली.
बता दें कि बाड़मेर जिले के चिरडिया गांव के एक परिवार के कुछ लोग जोधपुर के उतेसर गांव में करीब 20 दिन पहले पॉजिटिव परिवार के घर जाकर आये थे. वहीं इनके लौटने के बाद उतेसर गांव में मुंबई से आया एक युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके साथ ही बुधवार देर रात उतेसर गांव के पॉजिटिव युवक के संपर्क मे 10 लोगों की जांच रिपोर्ट में 5 जनों के पॉजिटिव आए है.
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इसकी सुचना पर चिकित्सा विभाग के खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत चिकित्सा विभाग की टीम का गठन किया. टीम संबंधित परिवार के घर पहुंची, जहां परिवार के सदस्यों की स्कैनिंग की. वही स्कैनिंग व जांच के दौरान संपर्क मे परिवार के सदस्यों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए. हालांकि चिकित्सा विभाग की ओर से पूरे परिवार को 14 दिन तक होमआइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है.
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कंपाउंडर की ड्यूटी के साथ निभा रहें रोजे का फर्ज
सिवाना कस्बे के निवासी पिस्ताक खां पादरू गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्स्ट कंपाउंडर के पद पर कार्यरत है. पिस्ताक खां लागातार 24 घंटे मरीजों की देखभाल में बिता रहे हैं. साथ ही अपनी सेवाओं के दौरान15 घंटे का लंबा रोजा भी रख रहे हैं.
फर्ज निभाने पर सुकून मिलता है
ड्यूटी के दौरान रोजा रखने को लेकर उन्होंने बताया कि इस्लाम धर्म मुझे यह शिक्षा देता है कि, देशहित से बड़ा दुनिया में कोई फर्ज नहीं है. इस संकट के समय में देश के लिए यह जी-जान से काम करना ही मेरा पहला फर्ज है. पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाना मेरा धर्म है. साथ ही बताया कि रमजान के महीने में रोजा हर मुसलमान पर फर्ज है और यह फर्ज भी उतनी ही ईमानदारी से निभा रहा हूं.