बायतु (बाड़मेर). आधुनिकता व शहरीकरण की दौड़ में आज मानव प्रकृति को भूल अंधाधुंध पेड़ कटाई कर प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है. इसी दौड़ से अलग एक शिक्षक मूलाराम सारण हैं, जिन्हें पेड़ पौधों से इतना लगाव है कि उन्होंने इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है. इसके चलते वो सड़क के किनारे-किनारे पिछले 10 सालों से पौधे लगा रहे हैं. बता दें कि इसी परम्परा को आज 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आगे बढ़ाया गया. जिसके चलते सड़क किनारे 51 पौधे लगाए गए.
शिक्षक मूलाराम सारण ने बताया कि यह संकल्पित योजना 10 सालों से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि विभिन्न विद्यालय जहां वे कार्यरत रहे हैं. वहां पौधे लगाए. इसकी प्रेरणा समाजसेवी तुलसाराम जी सुथार से मीठीया तला स्कूल में मिली. इस प्रेरणा के अंतर्गत आज तक लगभग 3 हजार के करीब पौधों को विकसित कर उनको प्रकृति को समर्पित किया है. इसमें बड़ी बात यह है कि शिक्षक इसका पूरा खर्च अपनी सैलेरी से कर रहे हैं. सारण ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि शुरुआत में जब हर कोई यही कहता कि यहां रेगिस्तान में ऐसी हरियाली और पौधे कैसे लगेंगे. इस पर उन्होंने इसे चुनौती की तरह लिया पेड़ लगाने का कार्य शुरू कर दिया.
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शिक्षक मूलाराम सारण ने अपने संदेश में कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने आस पास पौधें लगायें ताकी पर्यावरण शुद्ध रहे. जिससे आबो-हवा स्वच्छ रहे. इस मौके पर बायतू थानाधिकारी ललित जी किशोर चौधरी, शिक्षक मूलाराम सारण, अजीम प्रेमजी संस्थान से रणजीत कुमार, सज्जन कुमार, सहायक अभियंता डिस्कॉम प्रदीप डाडवानी, प्रशांत कुमार, पूर्व सैनिक चेतनराम, डाउराम सारण, नीतू सारण, दिनेश सारण सहित ग्रामीण मौजूद रहे.