बाड़मेर. कशीदाकारी का कार्य जो कि बाड़मेर की पहचान है, अब भारत-चाइना बॉर्डर पर स्थित उत्तराखंड के माणागांव की महिलाओं को भी रोजगार प्रदान करेगा. इसके लिए ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान की दस्तकार सुगड़ी देवी इन महिलाओं को दो महीने का प्रशिक्षण प्रदान करेंगी. वहीं इस कार्य के बदले सुगड़ी देवी को एक लाख रुपये का मानदेय मिलेगा.
ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान की अध्यक्ष रूमा देवी ने बताया की उतराखंड के माणागांव के आदिवासी परिवार बुनाई कार्य करते हैं. इस बुनाई कार्य के साथ बाड़मेर की कशीदाकारी को शामिल कर उत्पाद तैयार किये जाएंगे, जिसके माध्यम से वहां की महिला दस्तकारों को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त हो सकेंगे.
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कौन है सुगड़ी देवी...
सुगड़ी देवी एम्ब्रायडरी कार्य की दक्ष दस्तकार हैं. इनका परिवार विस्थापन के दौरान धनाऊ आकर बस गया. वर्तमान में ये बाड़मेर के इंद्रानगर में रहकर कशीदाकारी कार्य कर रही हैं. अपना सब कुछ वहां छोड़कर आने के बाद इनके पास सिर्फ हाथ का हुनर था, जिसके बल पर इन्होंने अपने परिवार को रोजगार प्रदान करने का कार्य किया.
सुगड़ी देवी अंतर्राष्ट्रीय फैशन डिजाइनर रुमा देवी के निर्देशन में महिला दस्तकारों को प्रशिक्षण प्रदान करने एवं फैशन शो के उत्पाद बनाने का कार्य कर रही हैं. इनके द्वारा निर्मित उत्पाद देश-विदेश के विभिन्न फैशन शो में प्रदर्शित होते हैं. हस्तशिल्प के क्षेत्र में इनके द्वारा दिए गये उल्लेखनीय योगदान के मद्देनजर जिला प्रशासन बाड़मेर द्वारा 15 अगस्त को उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जा चुका है.