बाड़मेर. जिले के सबसे बड़े सरकारी कॉलेज में लम्बे समय से चल रहे मांगों को लेकर छात्र अपनी बातों को आयुक्तालय प्रशासन और नेताओं के बीच रखा. लेकिन जो भी आया उसने बातों को सुनकर सिर्फ आश्वासन देकर चले गए. आखिरकार छात्रों ने आज कॉलेज के मुख्य गेट पर ताला जड़ ही दिया.
छात्रों का आरोप है कि एक तरफ जहां सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. वहीं दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई खासा इंतजाम न होने से छात्रों को कई परेशानियों से जुझना पड़ रहा है. छात्रों ने यह भी बताया कि शिक्षकों के कई पद रिक्त पड़े है जिससे उनकी पढ़ाई बाध्य होती है. साथ ही कई शिक्षकों को प्रतिनिधि मंडल ने बाहर भेज दिया है.
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इस सन्दर्भ में छात्रों द्वारा कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके चलते छात्रों को मजबूरन मुख्य द्वार बंद कर धरना प्रदर्शन करना पड़ा. इस कॉलेज में लगभग 3 हजार छात्र अध्ययन करते हैं. यहां दो विषयों इतिहास और राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर कराई जाती है. छात्रों का कहना है कि हिन्दी राष्ट्रीय भाषा है इसमें भी स्नातकोत्तर कराई जानी चाहिए.
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दरअसल नवसत्र शुरु हो जाने के कारण कई समस्याओं से जुझना पड़ रहा है. क्योंकि स्थाई पुस्तकालय अध्यक्ष न होने के कारण पुस्तक सम्बन्धी कई समस्या व खेल मैदान न होने से छात्रों की प्रतिभा का विकास भी नहीं हो पा रहा है. साथ ही छात्रावास जर्जर होने के कारण छात्रों को अधिक पैसे देकर कमरे लेने पड़ रहे है.
प्राचार्य पांचाराम चौधरी ने छात्रों की मांगों को लेकर उनसे बात करते हुए यह आश्वासन दिलाया कि वह उनकी मांगों का जल्द ही समाधान करने का प्रयास करेंगे.