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बाड़मेर के सरकारी कॉलेज पर छात्रों ने जड़ा ताला, धरना प्रदर्शन जारी

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Published : Aug 6, 2019, 10:13 PM IST

जिले के सबसे बड़े कॉलेज में छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है. उनकी मांगों का अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है. जो भी अधिकारी आ रहे हैं, वे सिर्फ आश्वासन ही दे रहे है. नया सत्र शुरू होने पर भी छात्र सुविधाओं से वंचित है.

बाड़मेर के सरकारी कॉलेज में छात्रों ने जमकर किया धरना प्रदर्शन ब

बाड़मेर. जिले के सबसे बड़े सरकारी कॉलेज में लम्बे समय से चल रहे मांगों को लेकर छात्र अपनी बातों को आयुक्तालय प्रशासन और नेताओं के बीच रखा. लेकिन जो भी आया उसने बातों को सुनकर सिर्फ आश्वासन देकर चले गए. आखिरकार छात्रों ने आज कॉलेज के मुख्य गेट पर ताला जड़ ही दिया.

बाड़मेर के कॉलेज में छात्रों द्वारा धरना प्रदर्शन जारी, प्राचार्य द्वारा मिला मांगों को लेकर आश्वासन

छात्रों का आरोप है कि एक तरफ जहां सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. वहीं दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई खासा इंतजाम न होने से छात्रों को कई परेशानियों से जुझना पड़ रहा है. छात्रों ने यह भी बताया कि शिक्षकों के कई पद रिक्त पड़े है जिससे उनकी पढ़ाई बाध्य होती है. साथ ही कई शिक्षकों को प्रतिनिधि मंडल ने बाहर भेज दिया है.

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इस सन्दर्भ में छात्रों द्वारा कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके चलते छात्रों को मजबूरन मुख्य द्वार बंद कर धरना प्रदर्शन करना पड़ा. इस कॉलेज में लगभग 3 हजार छात्र अध्ययन करते हैं. यहां दो विषयों इतिहास और राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर कराई जाती है. छात्रों का कहना है कि हिन्दी राष्ट्रीय भाषा है इसमें भी स्नातकोत्तर कराई जानी चाहिए.

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दरअसल नवसत्र शुरु हो जाने के कारण कई समस्याओं से जुझना पड़ रहा है. क्योंकि स्थाई पुस्तकालय अध्यक्ष न होने के कारण पुस्तक सम्बन्धी कई समस्या व खेल मैदान न होने से छात्रों की प्रतिभा का विकास भी नहीं हो पा रहा है. साथ ही छात्रावास जर्जर होने के कारण छात्रों को अधिक पैसे देकर कमरे लेने पड़ रहे है.

प्राचार्य पांचाराम चौधरी ने छात्रों की मांगों को लेकर उनसे बात करते हुए यह आश्वासन दिलाया कि वह उनकी मांगों का जल्द ही समाधान करने का प्रयास करेंगे.

बाड़मेर. जिले के सबसे बड़े सरकारी कॉलेज में लम्बे समय से चल रहे मांगों को लेकर छात्र अपनी बातों को आयुक्तालय प्रशासन और नेताओं के बीच रखा. लेकिन जो भी आया उसने बातों को सुनकर सिर्फ आश्वासन देकर चले गए. आखिरकार छात्रों ने आज कॉलेज के मुख्य गेट पर ताला जड़ ही दिया.

बाड़मेर के कॉलेज में छात्रों द्वारा धरना प्रदर्शन जारी, प्राचार्य द्वारा मिला मांगों को लेकर आश्वासन

छात्रों का आरोप है कि एक तरफ जहां सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. वहीं दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई खासा इंतजाम न होने से छात्रों को कई परेशानियों से जुझना पड़ रहा है. छात्रों ने यह भी बताया कि शिक्षकों के कई पद रिक्त पड़े है जिससे उनकी पढ़ाई बाध्य होती है. साथ ही कई शिक्षकों को प्रतिनिधि मंडल ने बाहर भेज दिया है.

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इस सन्दर्भ में छात्रों द्वारा कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके चलते छात्रों को मजबूरन मुख्य द्वार बंद कर धरना प्रदर्शन करना पड़ा. इस कॉलेज में लगभग 3 हजार छात्र अध्ययन करते हैं. यहां दो विषयों इतिहास और राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर कराई जाती है. छात्रों का कहना है कि हिन्दी राष्ट्रीय भाषा है इसमें भी स्नातकोत्तर कराई जानी चाहिए.

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दरअसल नवसत्र शुरु हो जाने के कारण कई समस्याओं से जुझना पड़ रहा है. क्योंकि स्थाई पुस्तकालय अध्यक्ष न होने के कारण पुस्तक सम्बन्धी कई समस्या व खेल मैदान न होने से छात्रों की प्रतिभा का विकास भी नहीं हो पा रहा है. साथ ही छात्रावास जर्जर होने के कारण छात्रों को अधिक पैसे देकर कमरे लेने पड़ रहे है.

प्राचार्य पांचाराम चौधरी ने छात्रों की मांगों को लेकर उनसे बात करते हुए यह आश्वासन दिलाया कि वह उनकी मांगों का जल्द ही समाधान करने का प्रयास करेंगे.

Intro:बाड़मेर

बाड़मेर की सबसे बड़ी सरकारी पीजी कॉलेज पर छात्रों ने जड़ा ताला , विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

जिले की सबसे बड़ी सरकारी कॉलेज में पिछले लंबे समय से कई मांगों को लेकर छात्र अपनी मांगे प्रशासन आयुक्तालय और नेताओं को बता रहे लेकिन सभी लोग आश्वासन देकर चले जाते लेकिन आखिरकार छात्रों ने आज कॉलेज के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया छात्रों का आरोप है कि एक तरफ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कर रही है दूसरी तरफ छात्रों के पढ़ने के लिए कोई खास अरेंजमेंट नहीं होने के चलते कई दिक्कतों छात्रों को आ रही है महाविद्यालय के अंदर से व्याख्याताओं के कई पद अभी तक रिक्त पड़े हैं और इससे से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है साथ ही ऐसे कई व्याख्याताओं है जिन्हें डेपुटेशन बाहर भेज दिया गया है इसलिए काफी समय से एक ज्ञापन दिए किंतु अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई इसलिए मजबूरन गेट बंद कर धरना प्रदर्शन करना पड़ा। जिले का सबसे बड़ा महाविद्यालय यहां पर 3 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययन करते हैं।




Body:महाविद्यालय के अंदर पीजी दो विषयों में कराई जाती है इतिहास और राजनीतिक विज्ञान किंतु हिंदी जो कि हमारी राष्ट्रीय भाषा उसमे पीजी के लिए पिछले कई सालों से छात्रों द्वारा मांग की जा रही किंतु शिक्षा मंत्रालय हमारी मांग के ऊपर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दे रही है। महाविद्यालय के अंदर नवसत्र शुरू हो चुका है स्थाई तौर पर पुस्तकालय अध्यक्ष ना होने के कारण विद्यार्थियों को पुस्तक संबंधित कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है महाविद्यालय के अंदर की प्रतिभाएं हैं किंतु के काफी सालों से महाविद्यालय का खेल मैदान नहीं होने के कारण यहां किसी भी खेल में टीम नहीं भेजी जा रही है इस कारण खिलाड़ियों की प्रतिभा दबी रही है ।




Conclusion:महाविद्यालय का जो पीजी छात्रावास से काफी समय से जर्जर अवस्था में पड़ा है इसकी और सरकार ध्यान नहीं दे रही है जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से विद्यार्थियों को मजबूरन आय से अधिक किराया देकर शहर के अंदर कमरे लेकर रहना पड़ता है। विरोध प्रदर्शन के बाद प्राचार्य पांचाराम चौधरी छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर कॉलेज आयुक्तालय से बात करने के बाद छात्रों से समझाइश कर पूर्ण आश्वासन दिया कि वे उनकी बातों को हटाले तक पहुंचाएंगे और जल्द समाधान के प्रयास करेंगे।

बाईट -प्रवीणसिंह मिठड़ी,छात्र नेता
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