बाड़मेर. जिलेभर से दूर-दराज के गांव ढाणी से आने वाले मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए बाड़मेर जिला अस्पताल में विधायक मेवाराम जैन के प्रयासों से दो सोनोग्राफी मशीने लगाई गई. लेकिन एक मशीन पिछले 2 महीनों से ताले में बंद है. जिसकी वजह से मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. एक सोनोग्राफी मशीन संचालित होने की वजह से मरीजों की दो-तीन दिन बाद जांच हो पा रही है. ऐसे में कई मरीज बाहर निजी सोनोग्राफी सेंटरों पर जाकर महंगे दामों पर जांच करवाने को मजबूर हो रहे हैं.
जिला अस्पताल में जांच करवाने आए मरीजों ने बताया कि एक सोनोग्राफी होने की वजह से हमारा नंबर दो-तीन दिन बाद आ रहा है और एक सोनोग्राफी कक्ष पर पिछले काफी समय से ताला लटका हुआ है. ऐसे में मजबूर होकर हम बाहर जाकर महंगे दामों पर जांच करवानी पड़ रही है, क्योंकि गांव से वापस आना बड़ा मुश्किल होता है.
इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल पीएमओ डॉ. बीएल मंसूरिया के अनुसार दो सोनोग्राफी कक्ष है, जिसमें कुल 3 डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई गई है. वहीं इनमें से एक डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से पिछले कुछ समय से छुट्टी पर है, लेकिन दोनों डॉक्टर ड्यूटी पर है और नियमित रूप से दोनों सोनोग्राफी कक्ष में जा तो रही है, 2 महीना बंद जैसी कोई बात नहीं है.
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बहरहाल अस्पताल प्रशासन दोनों सोनोग्राफी मशीन संचालित होने का दावा कर रहा है, जबकि हकीकत उससे दूर है. यहां एक मशीन पिछले 2 महीनों से कक्ष में बंद पड़ी है, वहीं दूसरी पर मरीजों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ रही है. जिसकी वजह से मरीजों को दो-दो तीन-तीन दिन में नंबर आ रहा है. जिसकी वजह से उन्हें खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं दूरदराज गांव से आने वाले ग्रामीण बाहर महंगे दामों पर जाकर सोनोग्राफी की जांच करवा रहे हैं. जिसकी वजह से जिला अस्पताल के बाहर संचालित सोनोग्राफी सेंटरों की मौज हो रही है.