बाड़मेर. सौर ऊर्जा से बाड़मेर सहित राज्य का हर जिला राजकीय चिकित्सालय रोशन होगा. चिकित्सालय में एसी कूलर और पंखे सहित अन्य उपकरण चलाने में भारी मात्रा में बिजली की खपत होती है. वहीं गर्मी के मौसम में तो जिला चिकित्सालय में प्रतिमाह 40 से 45 हजार यूनिट तक पहुंच जाती है.
जिसकी आवाज में चिकित्सालय प्रबंधन को प्रतिमाह 5 से 6 लाख रुपए का भुगतान बिजली के बिल की एवज में करना पड़ता है. अब सोलर प्लांट से हजार यूनिट प्रतिदिन बिजली का उत्पादन होगा. इससे अस्पताल को बिजली के बिल में प्रतिवर्ष लाखों रुपए की बचत होगी.
राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा रहा है. मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार प्लांट लगाने के लिए सरकारी स्तर पर निजी कंपनी एमओयू को कहा गया था. उसी के तहत अब अस्पताल में प्लांट का काम किया जा रहा है.
अस्पताल में गर्मी में एयर कंडीशनर , पंखे ,कूलर सहित कई उपकरणों के चलने से बड़ी मात्रा में बिजली की जरूरत होती है. इसके कारण खपत भी ज्यादा होती है. सर्दियों में बिजली की खपत था हालांकि कम होती है, लेकिन गर्मी में यह खपत बढ़ जाती है. प्लांट शुरू होने के बाद अस्पताल को सालाना 20 से 25 लाख की बचत होगी.
राजकीय चिकित्सालय की पुरानी बिल्डिंग की छत पर 220 केडब्ल्यू का सोलर प्लांट लगाया जा रहा है. पैनल का काम अगले माह अगस्त में पूरा होने के बाद प्लांट शुरू कर दिया जाएगा. सोलर सिस्टम से उत्पादन होने वाली बिजली न्यूनतम दर पर मिलेगी. इसके तहत संबंधित कंपनी की ओर से 3 रूपए 20 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर बिजली दी जाएगी, जो आगामी 25 वर्ष तक मिलेगी.