बाड़मेर. सरकारी अस्तपाल के डॉक्टर का फर्जीवाड़ा सामने आया है. जहां डॉक्टर मरीजों को निशुल्क दवा योजना का लाभ नहीं देते हुए बाहरी ब्रांडेड दवाइयां लिखता था. एसडीएम ने बोगस ग्राहक भेजा तो पकड़ा गया.
निशुल्क दवा योजना को लेकर बाड़मेर प्रशासन को लगातार शिकायत मिल रही थी कि बाड़मेर की सिटी डिस्पेंसरी में कार्यरत डॉक्टर सुरेश माली मरीजों को निशुल्क दवा योजना का लाभ नहीं दे रहा है. डॉक्टर मरीजों को लगातार बाहर की दवाई लिखकर दे रहा है. शिकायत के बाद की गई जांच में डॉक्टर के दोषी पाए जाने पर प्रशासन ने डॉक्टर को सिटी डिस्पेंसरी से हटाकर जांच शुरू कर दी है.
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एसडीएम ने दो बोगस ग्राहक भेज कर शिकायत का सत्यापन करवाया और उसके बाद में सीएमएचओ और अस्पताल प्रशासन की ओर से एक ऑडिट की गई. जिसमें 40 से 50 पर्चियां देखी गई तो उनमे ज्यादातर दवाइयां बाहर की लिखी हुई थी. जबकि दवाइयां निशुल्क उपलब्ध थी. इस मामले में डॉक्टर को नोटिस दिया गया था.
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएल मंसूरिया ने बताया कि जांच के बाद में डॉक्टर सुरेश माली को नोटिस दिया गया था. जिसका संतोषपूर्ण जवाब नहीं मिला और सिटी डिस्पेंसरी से डॉक्टर को हटा दिया गया. अब इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई जारी है.
सबसे बड़ा सवाल है कि जब सरकारी अस्पतालों में निशुल्क दवाई उपलब्ध होने के बावजूद भी डॉक्टर किस तरीके से चंद रुपयों के लिए गरीबों के हजारों रुपए लूट रहे हैं और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ डॉक्टर को हटाया जाता है.