बाड़मेर. सिर पर विधानसभा चुनाव है, लेकिन सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जारी तकरार किसी भी सूरत में कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जिसकी ताजा बानगी शनिवार को बाड़मेर में देखने को मिली. यहां पायलट मंत्री हेमाराम चौधरी के बेटे की याद में तैयार वीरेंद्र धाम के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे, जहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए एक बार फिर पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ तल्ख रुख अख्तियार किया. उन्होंने कहा कि वो भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाए थे, जिससे कुछ लोगों को परेशानी होने लगी. बावजूद इसके वो बिना किसी की परवाह किए आगे भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
इस दौरान पायलट ने एक बार फिर पेपर लीक प्रकरण को उठाया और उक्त मामले में कार्रवाई में हुई देरी को लेकर सवाल किए. पायलट ने कहा कि हमें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर जारी पहलवानों के धरने का भी जिक्र किया और कहा कि ये दुखद है कि जिन्होंने देश को मेडल दिलाया, वो आज धरने पर बैठ न्याय की मांग कर रहे हैं. बावजूद इसके उनकी कोई भी सुध तक नहीं ले रहा है.
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मंच पर मौजूद रहे ये नेता - वहीं, कार्यक्रम में पायलट की मौजूदगी में पश्चिमी राजस्थान के कई बड़े कांग्रेसी नेता और जनप्रतिनिधि शामिल हुए थे. खास तौर पर पूर्व मंत्री हरीश चौधरी की मौजूदगी चर्चा में रही. मंच पर मौजूद नेताओं में मंत्री बृजेन्द्र ओला, राजेन्द्र गुढा, मुरारी लाल मीणा के अलावा विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, खिलाड़ी लाल बैरवा, गजराज खटाना, सुरेश मोदी, वेद प्रकाश सोलंकी, गिर्राज मलिंगा, वीरेंद्र सिंह चौधरी, रुपाराम धनदेव, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, इंद्राज गुर्जर, राकेश पारीक और हरीश मीणा जैसे नाम शामिल रहे.
मैं पायलट का अहसान नहीं भूलूंगा - मंत्री हेमाराम चौधरी ने शीशराम ओला और परसराम मदेरणा को याद करते हुए कहा कि वो इन नेताओं का अहसान कभी नहीं भूल पाएंगे. उन्होंने कहा कि आज भी उनका ओला और मदेरणा परिवार से मधुर रिश्ता है. साथ ही उन्होंने कहा कि वो पायलट के भी अहसानंद हैं और वो उनके अहसान को कभी नहीं भूलेंगे. मंत्री चौधरी ने कहा कि जनता के साथ-साथ एक नेता के रूप में सचिन पायलट ने उनकी हमेशा ही हिम्मत बांधी है. जिसकी वजह से ही वो चुनाव लड़े. लिहाजा वो उनके हमेशा ही ऋणी रहेंगे.
उन्होंने मंच से आभार जताते हुए कहा कि उन्हें आज सब कुछ हासिल हो चुका है. इससे पहले पायलट ने 2018 के चुनाव का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे हेमाराम चौधरी ने इलेक्शन लड़ने से इनकार कर दिया था. पायलट ने उनके इस्तीफे का भी जिक्र किया. साथ ही कहा कि हेमाराम चौधरी की सलाह लेकर ही वे अपनी राजनीति के फैसले लेते हैं.