बाड़मेर. कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को पंजाब का पीसीसी अध्यक्ष (PCC President of Punjab) बना दिया है. नवजोत सिंह सिद्धू के पीसीसी अध्यक्ष बनने की जंग में सबसे अहम भूमिका अगर हरीश रावत के अलावा निभाई है तो राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Revenue Minister Harish Choudhary) की रही है. बता दें कि हरीश चौधरी ने दो दिन पहले ही मीडिया से बातचीत करते हुए यह संकेत दे दिए थे कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है.
पिछले सप्ताह हरीश चौधरी अपने तय कार्यक्रम के अनुसार 4 दिन के लिए बाड़मेर जिले के दौरे पर थे. लेकिन अचानक दिल्ली आलाकमान से हरीश चौधरी के पास फोन आता है और उसके बाद चौधरी दिल्ली के लिए रवाना हो जाते हैं. इसी दौरान पंजाब में सियासी झगड़े को निपटाने में हरीश चौधरी राहुल गांधी और पार्टी के आला नेताओं से मुलाकात करते हैं. उनके दिए फीडबैक को ही राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने सोनिया गांधी तक पहुंचाया. जिसके बाद यह तय हो जाता है कि कैप्टन को सीएम की कुर्सी और सिद्धू को पीसीसी अध्यक्ष बनाने पर सहमति बन पाई.
दिल्ली से बायतू लौटे हरीश चौधरी ने बीते सप्ताह ही सुलह के संकेत दे दिए थे. यानि कैप्टन और सिद्दू के बीच जारी सियासी जंग का तोड़ निकालने की जिम्मेदारी जिन नेताओं को दी गई थी. उन्होंने पहले ही इस फॉर्मूले पर अपनी मुहर लगा दी थी. संकेत में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा था कि सिद्धू को जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है.
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7 साल तक पंजाब सह प्रभारी रह चुके हैं हरीश चौधरी: वर्तमान में राजस्व मंत्री जब सांसद हुआ करते थे, उस समय कांग्रेस ने उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देते हुए पंजाब का प्रभारी बनाया था. 7 साल तक वह प्रभारी बने रहे थे. इसी दौरान पंजाब में कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई थी, उसके बाद से ही लगातार पंजाब पॉलिटिक्स को लेकर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी अपनी अहम भूमिका निभाते रहे हैं.
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी 2018 में जब विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे, तब नवजोत सिंह सिद्धू प्रचार करने के लिए बायतु आए थे. बाद में सिद्धू ने बायतु में हरीश चौधरी के लिए वोट मांगे थे.