बाड़मेर. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अगले महीने की 22 तारीख को होने वाली है. राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक धावक सहित दो युवाओं में राम के प्रति ऐसी अटूट आस्था है कि जिले के सीमांत इलाके से अयोध्या तक की पदयात्रा पर घर से निकल पड़े हैं. वे अयोध्या पहुंच कर रामलाल के दर्शन करेंगे. हालांकि वे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद अयोध्या पहुंचेंगे. हाथों में राम ध्वज और तिरंगा झंडा लिए ये दोनों युवक भगवान श्री राम के जयकारे लगाते हुए बाड़मेर से अयोध्या की तरफ चल पड़े हैं.
सरहदी जिले बाड़मेर के शिव विधानसभा क्षेत्र के गिराब गांव निवासी धावक हाकमसिंह और उनके साथ मोहनसिंह रामलला के दर्शनार्थ अयोध्या के लिए पैदल रवाना हुए हैं. हाथों में राम के प्रति आस्था का ध्वज ओर देशप्रेम तिरंगा लिए भगवान श्री राम के जयकारे लगाते हुए दो यह दोनों युवक पैदल अयोध्या के लिए रवाना हुए जो कि 1300 से अधिक किलोमीटर की पदयात्रा करके अयोध्या पहुंच कर रामलाल के दर्शन करेंगे.
धावक ने लिया था मन में प्रण: पदयात्री धावक हाकम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि अपने मन में एक प्रण लिया था कि अयोध्या में जब राम मंदिर बनेगा, तब पैदल अयोध्या जाऊंगा. उन्होंने बताया कि अब राम मंदिर बन गया है और 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. अब अपना साकार हो रहा है. इस बात की हमें बेहद खुशी है. उन्होंने बताया कि 25 दिसंबर को वह अपने गांव से अपने साथी मानसिंह राठौड़ के साथ अयोध्या के लिए पैदल रवाना हुए हैं. दो दिन में करीब 125 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके बीती रात को बाड़मेर पहुंचे हैं. बाड़मेर में बुधवार को दोनों पदयात्रियों का जगह-जगह पर स्वागत कार्यक्रम आयोजित किए गए.
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45 दिनों में पूरी होगी पदयात्रा: उन्होंने बताया कि अयोध्या तक कि उनकी यह पैदल यात्रा 1300 से अधिक किलोमीटर की होगी. जिसे वह 45 दिन में पूरा करके करीब 10 फरवरी को अयोध्या पहुंच कर रामलला के दर्शन करेंगे. हाकमसिंह बताते हैं कि वह एक धावक है और कई मैराथन में भाग लेकर मेडल जीत चुके हैं. धावक के रूप में आगे भी उनकी तैयारी जारी है.
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पदयात्री मोहनसिंह बताते हैं कि अयोध्या तक पदयात्रा करने का रात को मन में ख्याल आया और अगले दिन हाकमसिंह राजपुरोहित के साथ घर चल पड़ा. उन्होंने बताया कि ब्राह्मण और क्षत्रिय पहले भी साथ रहते थे और अब भगवान ने हम दोनों की यह जोड़ी बनाई है, जो साथ-साथ अयोध्या पैदल जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पैदल चलने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है. भगवान उन्हें हिम्मत दे रहे हैं. इससे पहले अलग-अलग समय में 21 बार रामदेवरा तक ओर एक देशनोक की पैदलयात्रा कर चुके हैं. दोनों ही पदयात्रियों में रामलला के दर्शन को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.