बाड़मेर. जिले की शिव विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट बनती जा रही है. यहां पर टिकटों के एलान के बाद भाजपा-कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है. यहां से टिकट की मांग कर रहे दावेदारों ने बगावत का एलान कर दिया है. वहीं 9 दिन पहले भाजपा का दामन थामने वाले छात्रनेता रविंद्र सिंह भाटी ने शिव से टिकट नहीं मिलने के चलते निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया.
जोधपुर जेएनवीयूके 57 साल के इतिहास को तोड़ते हुए रविंद्रसिंह भाटी वर्ष 2019 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतकर छात्रसंघ के अध्यक्ष बने और उसके बाद से लगातार चर्चाओं में रहे. पिछले साल भर से भाटी बाड़मेर के जिले के शिव विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. यहां जन संवाद यात्रा भी निकाली थी.
28 अक्टूबर को रविंद्र सिंह भाटी ने जयपुर में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. कयास लगाए जा रहे थे कि रविंद्र सिंह भाटी को भाजपा की टिकट पर शिव से उम्मीदवार बनाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद रविंद्र सिंह भाटी के समर्थकों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही थी. अब भाटी ने बगावत कर 6 नवंबर को निर्दलीय नामांकन दाखिल करने का एलान कर दिया है. इस संबंध में रविंद्र सिंह भाटी ने रविवार को X अकाउंट पर जानकारी शेयर की.
इसी तरह भाजपा के पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत ओर भाजपा नेता खंगारसिंह भी टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे हैं. वे भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. जिससे भाजपा के लिए यहां पर मुश्किलें बढ़ गई हैं. इधर कांग्रेस से पार्टी के जिला अध्यक्ष फतेह खान टिकट नहीं मिलने से बागी हो गए हैं. उन्होंने निर्दलीय चुनाव में ताल ठोकने का एलान कर दिया है. फतेह खान 6 नवंबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. इससे कांग्रेस की भी राह भी आसान नजर नहीं है. अब देखने वाली बात होगी कि दोनों ही पार्टियां अपने नाराज कार्यकर्ताओं को किस तरह मनाने में सफल हो पाती हैं.