बाड़मेर. देशभर में कोरोना वायरस के चलते हाहाकार मचा हुआ है. वहीं प्रदेश का बाड़मेर जिला कोरोना वायरस का एक भी रोगी नही था. लेकिन शुक्रवार को जिले में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज पाया गया है. जो कि एक स्कूल का प्रिंसिपल है.
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50 से ज्यादा लोगों के संपर्क में आया...
दरअसल, यह प्रिंसिपल लॉकडाउन के समय बिना परमिशन के अपने घर रामगंज (जयपुर) चला गया था. इसके बाद इसकी ग्रामीण इलाकों में अध्यापकों के साथ ड्यूटी लगाई गई, तो यह वापस अपनी ड्यूटी पर आया था. यह प्रिंसिपल अब तक 50 से ज्यादा सरकारी टीचरों और अधिकारियों के साथ ही मुलाकात कर चुका था.
ANM को दी धमकी
जब 6 अप्रैल को गांव की एएनएम को पता चला कि कितनोरिया प्रिंसिपल जयपुर से बाड़मेर आया है. तो एएनएम ने स्कूल जाकर प्रिंसिपल को जांच करवाने और होम क्वॉरेंटाइन रहने की सलाह दी. सलाह सुनकर प्रिंसिपल भड़क गया और जयपुर से लौटने की बात को ही झूठला दिया.
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वहीं एएनएम को धमकी देते हुए यह भी कहा कि मैं जयपुर से आया ही नहीं हूं, मुझे कोई बीमारी नहीं हैं. लक्षण ही नहीं तो मैं जांच क्यों करवाऊंगा? ANM के लाख समझाने के बावजूद भी यह प्रिंसिपल खुद को आइसोलेशन में रखने को तैयार नहीं हुआ.
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पुलिस की मदद से पहुंचाया गया हॉस्पिटल
इसके बाद एनएम ने धोरीमन्ना बीसीएमओ तेजसिंह को इस घटना की जानकारी दी. लेकिन जब इससे भी बात नहीं बनी, तो उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई. अधिकारियों ने 7 अप्रैल को दोपहर 2 बजे पुलिस की मदद से प्रिंसिपल को एंबुलेंस 108 से बाड़मेर रेफर किया. वहीं अस्पताल में जब प्रिंसिपल की जांच की गई, तो वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया. एएनएम ने बताया कि प्रिंसिपल ने उन्हें यहां तक कहा कि वह अभी तो जा रहा है. लेकिन जब लौटकर आऊंगा तो तुम्हें देख लूंगा. तुमने मुझे एंबुलेंस में बैठाया है, अब तुम्हारी खैर नहीं.