बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर आरटीआई कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला मामले (Attack on Barmer RTI Activist) में पुलिस ने 4 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में गिड़ा थाने के एसएसओ को लाइन हाजिर करने के साथ ही बीट कांस्टेबल को निलंबित किया है. गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में एक सरपंच का पुत्र भी शामिल है. इसके अलावा पुलिस ने अपहरण में उपयोग में ली गई स्कॉर्पियो गाड़ी को भी जब्त की है.
जिले के गिड़ा थाना क्षेत्र के जसोड़ो की बेरी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम के अपहरण और बेरहमी से मारपीट के मामले में पुलिस को सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने चार आरोपियों को परेऊ गांव से गिरफ्तार किया (4 arrested in Barmer RTI activist attack Case) है. पुलिस ने परेऊ निवासी भूपेंद्रसिंह पुत्र बांकाराम जाट, आदेश पुत्र लुम्भाराम जाट, रमेश कुमार पुत्र वेहनाराम जाट और कुम्प्लीया निवासी खरथाराम पुत्र उम्मेदाराम जाट को गिरफ्तार किया है.
एसएचओ और बीट कांस्टेबल पर गिरी गाज
पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में गिड़ा थानाधिकारी पर सीधे आरोप लग रहे थे. जिसके चलते इस मामले की पूरी जांच होने तक गिड़ा थाना के एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया (SHO line hazir in Barmer RTI activist attack Case)है. साथ ही वहां के बीट कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया. एसपी दीपक भार्गव ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर इस मामले में किसी भी पुलिसकर्मी का नाम सामने आता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
इस मामले में सीएमओ ओर राज्य मानव अधिकार आयोग में मांगी रिपोर्ट
इनसे पूर्व राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने राजस्थान पुलिस के महानिदेशक, आबकारी आयुक्त उदयपुर, बाड़मेर कलेक्टर और एसपी से पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी. इस नोटिस में कहा गया है कि हमले के पीछे अपराधियों और पुलिस की आपसी गठजोड़ उजागर हो रही है. नोटिस में 5 सवालों के जवाब 28 दिसंबर तक मांगे गए हैं. वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है.