चौहटन (बाड़मेर). बाड़मेर का चौहटन सीमावर्ती क्षेत्र है, इसी कारण यहां बाहरी जिले और प्रदेशों के लोगों को प्रतिबंधित किया गया है, अगर किसी बाहरी को यहां निवास करना है तो उसे पहले जिम्मेदार अधिकारी की अनुमति लेनी होती है. लेकिन, इन नियमों के बावजूद क्षेत्र में हजारों बाहरी प्रदेशों के लोग निवास कर रहे हैं, जिनके बारे में पुलिस और प्रशासन भी अनभिज्ञ बना हुआ है.
बता दें कि अगर कोई बाहरी क्षेत्र का व्यक्ति यहां बसना चाहता है तो उसे एसडीएम से अनुमति लेनी होती है. यह अनुमति 7 दिन के लिए मिलती है, जिसे वो रिन्यू भी करा सकता है.
प्रशासन द्वारा इनका सत्यापन भी नहीं किया जा रहा है, पुलिस और प्रशासन की अनदेखी के चलते कई संदिग्ध भी इसका फायदा उठा रहे हैं. वहीं सुरक्षा के लिहाज से ये बाहरी नागरिक इस सरहदी क्षेत्र के लिए खतरनाक भी साबित हो सकते हैं.
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही चौहटन में राजू बनकर रह रहे फलौदी के इमामुदीन का मामला भी सामने आ चुका है. चौहटन कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आकर हजारों लोग बसे हैं जबकि, सरहदी पुलिस थाना क्षेत्रों को विशेष अधिनियम में प्रतिबंधित घोषित किया हुआ है.
पढ़ेंः बूंदी: लाइट कटने से बंद होती रही मशीनें, बच्चों की चीख से सहमता रहा SNCU यूनिट
चौहटन, बिजराड़, सेड़वा, बाखासर, गडरारोड़, रामसर थाना क्षेत्र बाहरी लोगों के लिए प्रतिबंधित हैं. सक्षम प्रशासनिक अधिकारी की अनुमति के बगैर इस इलाके में बाहरी नागरिक प्रवेश नहीं कर सकते हैं, इन्हें एक निश्चित अवधि के लिए ही आने जाने की अनुमति दी जा सकती है. बावजूद इसके बिना अनुमति सैंकड़ों बाहरी लोग इस क्षेत्र में रह रहें हैं. जिनमें से कई लोगों ने तो गुपचुप तरीके से अपने मूलनिवास बनाने में भी कामयाबी हासिल कर ली है.
स्थानीय लोगों की मिली भगत होने का भी संदेह है. बहरहाल चौहटन और सेड़वा उपखंड का सरहदी इलाका प्रतिबंद्धित होने के बावजूद यहां बिना अनुमति के सैकड़ों परदेशी बसे हैं, जो सामरिक और आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से किसी बड़े खतरे से कम नहीं हैं.