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बाड़मेर: महिला अधिकारिता विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

बाड़मेर के जिला परिषद सभागार में अलग-अलग विषयों को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक ने कार्यक्रम की रूपरेखा की संक्षिप्त जानकारी दी. कार्यक्रम में आए अतिथियों ने घूंघट प्रथा को छोड़ने के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की.

बाड़मेर की खबर, One day workshop
मोहनदान रतनू का स्वागत करते उपनिदेशक
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Published : Mar 5, 2020, 7:28 PM IST

बाड़मेर. महिला अधिकारिता विभाग की ओर से जिला परिषद सभागार में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', महिला शक्ति केंद्र, महिला सुरक्षा और सलाह केंद्र साझा अभियान, बाल विवाह रोकथाम, जेंडर विषय और घुंघट प्रथा रोकथाम विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

बाड़मेर के जिला परिषद सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने कहा कि जिले में महिला सशक्तिकरण के साथ लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ है. अब जरूरत है कि बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया जाए. बेटियों को बचाने और पढ़ाने के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है.

रतनू ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के साथ उनको हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर भागीदारी देनी होगी. 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के बदौलत राजस्थान के सात अन्य प्रदेशों में लिंगानुपात में सुधार आया है. महिला जनप्रतिनिधियों के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हमे ये संकल्प लेने की जरूरत है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे.

वहीं महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक प्रहलाद सिंह राजपुरोहित ने कार्यक्रम की रूपरेखा की संक्षिप्त जानकारी देते हुए अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में 2 मार्च से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है.

पढ़े: बाड़मेर : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह का शुभारंभ

इस दौरान महिला एवं अधिकारिता विभाग के निर्देशक प्रहलाद सिंह राजपुरोहित, महिला एवं बाल विकास की उप निर्देशक सतीश चौधरी और एमबीसी गर्ल्स कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मुकेश पचौरी सहित विभिन्न समाजों एवं समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. अतिथियों ने घूंघट प्रथा को छोड़ने के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की.

बाड़मेर. महिला अधिकारिता विभाग की ओर से जिला परिषद सभागार में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', महिला शक्ति केंद्र, महिला सुरक्षा और सलाह केंद्र साझा अभियान, बाल विवाह रोकथाम, जेंडर विषय और घुंघट प्रथा रोकथाम विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

बाड़मेर के जिला परिषद सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने कहा कि जिले में महिला सशक्तिकरण के साथ लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ है. अब जरूरत है कि बेटियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया जाए. बेटियों को बचाने और पढ़ाने के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है.

रतनू ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के साथ उनको हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर भागीदारी देनी होगी. 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के बदौलत राजस्थान के सात अन्य प्रदेशों में लिंगानुपात में सुधार आया है. महिला जनप्रतिनिधियों के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि हमे ये संकल्प लेने की जरूरत है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे.

वहीं महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक प्रहलाद सिंह राजपुरोहित ने कार्यक्रम की रूपरेखा की संक्षिप्त जानकारी देते हुए अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में 2 मार्च से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है.

पढ़े: बाड़मेर : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह का शुभारंभ

इस दौरान महिला एवं अधिकारिता विभाग के निर्देशक प्रहलाद सिंह राजपुरोहित, महिला एवं बाल विकास की उप निर्देशक सतीश चौधरी और एमबीसी गर्ल्स कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मुकेश पचौरी सहित विभिन्न समाजों एवं समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. अतिथियों ने घूंघट प्रथा को छोड़ने के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की.

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