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ईटीवी भारत की खबर का असर, बेसहारा पशुओं की मदद के लिए आगे आए ग्रामीण

एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. बाड़मेर के सिवाना में लॉकडाउन के चलते चारे-पानी के लिए भटक रही गायों को अब भोजन मिल सकेगा. कस्बे के गौ सेवा संस्थानों और भामाशाहों ने मिलकर आवारा पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करने को लेकर इंतजाम शुक्रवार से ही शुरू कर दिए हैं.

पशुओं के लिए आगे आए ग्रामीण, Villagers come forward for animals
पशुओं के लिए आगे आए ग्रामीण
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Published : Apr 10, 2020, 6:39 PM IST

Updated : Apr 10, 2020, 8:55 PM IST

सिवाना (बाड़मेर). लॉकडाउन के दौरान सिवाना कस्बे में आमजन के साथ पशु भी इस महामारी से झूलता हुआ, चारे-पानी के लिए भटक रहा था. जिसको लेकर ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रसारित की गई थी. जिसका असर हुआ गौ सेवा संस्थानों और भामाशाहों ने मिलकर आवारा पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करने को लेकर इंतजाम शुरू किए.

बेसहारा पशुओं के लिए आगे आए ग्रामीण

जिसके तहत शुक्रवार दिन से गायों के लिए मीठा खींच बनाया जा रहा है. साथ ही भामाशाह की ओर से गायों के लिए हरे चारे की भी व्यवस्था की जा रही है. वहीं गौसेना सिवाना के सदस्य मुकेश लंगेरा ने बताया कि हमें ईटीवी भारत के माध्यम से पता चला कि गायों के लिए चारे पानी की व्यवस्था नहीं हो रही है.

पढ़ें: कोरोना वायरस इंसानों के साथ पशुओं के लिए भी बना परेशानी

जिसके बाद हमने तुरंत प्रभाव से मीटिंग करके भामाशाह के सहयोग से लॉकडाउन में हमारी ओर से प्रतिदिन करीब 12 क्विंटल से अधिक मात्रा में मीठा खींच बनाकर गायों को खिलाने का काम किया जा रहा है. वहीं कस्बे के भामाशाह अपना पूरा योगदान दे रहे हैं. ईटीवी भारत से हुई बातचीत में धर्मेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता, तब तक हमारी ओर से बेसहारा पशुओं के लिए चारे-पानी और मीठा खींच बनाकर खिलाने की व्यवस्था जारी रहेगी.

सिवाना (बाड़मेर). लॉकडाउन के दौरान सिवाना कस्बे में आमजन के साथ पशु भी इस महामारी से झूलता हुआ, चारे-पानी के लिए भटक रहा था. जिसको लेकर ईटीवी भारत की ओर से खबर प्रसारित की गई थी. जिसका असर हुआ गौ सेवा संस्थानों और भामाशाहों ने मिलकर आवारा पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था करने को लेकर इंतजाम शुरू किए.

बेसहारा पशुओं के लिए आगे आए ग्रामीण

जिसके तहत शुक्रवार दिन से गायों के लिए मीठा खींच बनाया जा रहा है. साथ ही भामाशाह की ओर से गायों के लिए हरे चारे की भी व्यवस्था की जा रही है. वहीं गौसेना सिवाना के सदस्य मुकेश लंगेरा ने बताया कि हमें ईटीवी भारत के माध्यम से पता चला कि गायों के लिए चारे पानी की व्यवस्था नहीं हो रही है.

पढ़ें: कोरोना वायरस इंसानों के साथ पशुओं के लिए भी बना परेशानी

जिसके बाद हमने तुरंत प्रभाव से मीटिंग करके भामाशाह के सहयोग से लॉकडाउन में हमारी ओर से प्रतिदिन करीब 12 क्विंटल से अधिक मात्रा में मीठा खींच बनाकर गायों को खिलाने का काम किया जा रहा है. वहीं कस्बे के भामाशाह अपना पूरा योगदान दे रहे हैं. ईटीवी भारत से हुई बातचीत में धर्मेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता, तब तक हमारी ओर से बेसहारा पशुओं के लिए चारे-पानी और मीठा खींच बनाकर खिलाने की व्यवस्था जारी रहेगी.

Last Updated : Apr 10, 2020, 8:55 PM IST
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