बाड़मेर. राजस्थान में सियासी घटनाक्रम के बीच विधानसभा कमेटी का सभापति बनाने के बाद हेमाराम चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि इस बारे में उनकी कोई रजामंदी नहीं ली गई है. हालांकि, अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का होता है.
गुड़मालानी विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि जिस तरीके से राजस्थान में कांग्रेस (Rajasthan Congress) में बयानबाजी का दौर चल रहा है. इससे पार्टी को जबरदस्त तरीके से नुकसान हो रहा है. आलाकमान को तुरंत सियासी घटनाक्रम का समाधान करना चाहिए. जिससे आने वाले समय में पार्टी मजबूत हो सके और होने वाले विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly elections) में फिर से कांग्रेस की सरकार बन सके.
नहीं हुआ ढाई साल में तरीके से समस्या का समाधान
उन्होंने पिछले ढाई साल में समस्या के समाधान को लेकर असंतुष्टि जताई. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से ढाई साल में समस्याओं का समाधान होना चाहिए था, उस तरीके से हुआ नहीं है. एएनएम भर्ती 2013 (ANM recruitment 2013) से लेकर नरेगा के कामकाज में अभी भी सरकार ढिलाई बरत रही है. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
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इस्तीफा लेने के मूड में नहीं हूं
हेमाराम चौधरी से पूछा गया कि अब आप का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष स्वीकार करने के मूड में नहीं है. जिस पर चौधरी ने कहा कि मैं इस्तीफा वापस लेने के भी मूड में नहीं हूं.
क्या है मामला
गौरतलब है कि 18 मई को हेमाराम चौधरी ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया था. उसके बाद से ही हेमाराम चौधरी लगातार विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन विधानसभा अध्यक्ष की ओर से उन्हें यह कहा गया है कि पूरा लॉकडाउन खुलने के बाद ही उन्हें मिलने का वक्त मिलेगा. वहीं अब हेमाराम चौधरी अपने इस्तीफे पर अडिग नजर आ रहे हैं.