बाड़मेर. गहलोत सरकार के मंत्री सुखराम विश्नोई बाड़मेर के दौरे पर हैं. चर्चा है कि मंत्री के पुत्र एक पीड़िता के हक के लिए धरने पर बैठे थे. इसके बाद जब मंत्री विश्नोई अपनी गाड़ी की जगह दूसरी सरकारी गाड़ी से पहुंचे तो चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया कि मंत्री जी नाराज हैं.
इसीलिए सरकारी गाड़ी और सुरक्षा कमांडो के बिना तफरीह कर रहे हैं. हालांकि इस बारे में मंत्री से बात की गई तो उन्होंने नाराज होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया. कहा कि ये सब खबरें मीडिया की उपज हैं, ऐसा कुछ नहीं है.
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मंत्री सुखराम विश्नोई (Minister Sukhram Bishnoi) जिस गाड़ी में सवार होकर आए थे, वह मोटर विभाग राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) की थी. उसके आगे जिला कलेक्टर की प्लेट लगी हुई थी. जिसे पट्टी लगाकर ढंका गया था. मंत्री ने सफाई दी कि उनकी गाड़ी खराब हो गई है, इसीलिए वे दूसरी गाड़ी में आए हैं.
सुखराम विश्नोई से पूछा गया कि उनकी सरकार के कुछ मंत्री शिकायत करते हैं कि जिला कलेक्टर उनका फोन नहीं उठाते, इस सवाल के जवाब में विश्नोई ने कहा कि ऐसा नहीं है, मेरे इलाके के प्रशासनिक अधिकारी फोन उठाते हैं और जवाब भी देते हैं.
गहलोत के कुनबे में ही खटपट...डोटासरा-धारीवाल ही नहीं, कई मंत्रियों की नहीं बनती आपस में तो कई चल रहे नाराज
राजस्थान में अक्सर एक ही बात सुनाई देती थी कि गहलोत गुट और पायलट गुट के बीच लगातार विवाद की स्थिति बनी हुई रहती है. खबरें भी दोनों गुटों के नेताओं को लेकर ही सामने आती थीं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की मौजूदगी में चल रही गहलोत कैबिनेट (Ashok Gehlot Cabinet) की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के साथ प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) का विवाद खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुनबे में चल रही कलह को ही सामने ले आया.