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बाड़मेरः कोरोना के चलते आखातीज पर होने वाली शादियां टलीं - अक्षय तृतीया पर होने वाली शादियां रद्द

कोरोना वायरस से पूरा विश्व परेशान है. इसके चलते होने वाले सभी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया गया है. बता दें कि हर साल आखा तीज पर बहुत सारी शादियां की जाती है. लेकिन इस बार कोरोना के चलते इस पर्व पर होने वाली सारी शादियां रद्द कर दी गई है. वहीं, इन शादियों के दीवाली के बाद होने आसार है.

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आखा तीज पर होने वाली शादियां टली
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Published : Apr 25, 2020, 11:35 AM IST

बाड़मेर. कोरोना वायरस से पूरा विश्व जूझ रहा है, इससे अर्थव्यवस्था और छोटे-बड़े सभी व्यापार ठप हो गया है. अब इसका असर शादियों पर भी पड़ना शुरू हो गया है. दरअसल, हर साल आखा तीज पर कई शादियां होती है. इसके लिए करीबन 6 महीने से 1 साल पहले ही बुकिंग की जाती है. लेकिन, इस बार कोरोना की वजह से जो बुकिंग हुई थी, उसे स्थगित कर दी गई है. अभी तक जिला और पुलिस प्रशासन के पास कोई परमिशन नहीं मांगी गई है.

आखा तीज पर होने वाली शादियां टली

पंडित सुनील जोशी ने बताया कि आखा तीज अक्षय तृतीया को बंपर शादियां पर कोर्णाक ग्रहण लग गया है. राजस्थान में इस दिन का बड़ा महत्व होता है, इस दिन जो भी किया जाता है, वह उत्तरोत्तर वृद्धि होती है. इस दिन शादियां, गृह प्रवेश सहित कई शुभ कार्य होते हैं, जो इस दिन किए जाते हैं. वह उत्तरोत्तर विकास करता है. साथ ही बताया कि इस दिन बहुत सारे विवाह होने थे, लेकिन कोरोना के चलते लोगों ने विवाह स्थगित कर दिए हैं और आगे खिसका दिए हैं. वहीं, इसके स्थान पर दीपावली के बाद शुभ मुहूर्त है, जिसमें शादियां होने के आसार हैं.

पढ़ें- कोटा में पढ़ रहे बाड़मेर के 150 विद्यार्थी आएंगे बाड़मेर, विधायक ने CM का जताया आभार

जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि हमने शादियों और धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर अलग-अलग समाज के प्रबुद्ध जनों के साथ बैठक कर उनसे अनुरोध किया था कि इस विकट परिस्थितियों में इस तरह के आयोजन ना करें और शादियों का आयोजन है, उसे आगे करने का आग्रह किया. साथ ही बताया कि शादियों को लेकर उनके पास कुछ आवेदन आए है, लेकिन उनसे शादियां रद्द करने के लिए आग्रह किया है.

साथ ही कलेक्टर ने बताया कि इसके बावजूद भी अगर कोई शादी समारोह या बाल विवाह होता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में पंडित, टेंट सहित शादी समारोह में शरीक या सहयोग करने वालों को भी पाबंद किया है और अगर कोई सहयोग करता पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खीवसिंह भाटी ने बताया कि अक्षय तृतीया मान्यताओं के अनुसार एक अबूझ सावा माना गया है. इस दिन किसी को भी नक्षत्र या सावा निकालने की आवश्यकता नहीं रहती है. इसमें बिना पूछे ही शादी समारोह और अन्य शुभ कार्य किए जाते हैं. राजस्थान में यह परंपरा रही है कि बाल विवाह भी खूब होते हैं और कई बार शिकायतें भी आती है. जिस पर जिला प्रशासन और पुलिस कार्रवाई कर बाल विवाह रुकवा रही आई है, इस बार परिस्थितियां बदली हुई है.

पढ़ें- बाड़मेरः प्रशासन सब्जी विक्रेताओं पर सख्त, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने पर दुकानों को करवाया बंद

साथ ही एएसपी ने बताया कि प्रशासन और पुलिस के साथ-साथ अलग-अलग समाज के प्रबुद्ध जनों ने भी अपील की है, जिससे संभवत है कि लोगों ने विवाह समारोह को आगे बढ़ा दिया है. साथ ही कहा कि उनके पास अभी तक किसी प्रकार की कोई परमिशन नहीं आई है. उसके बावजूद भी थानाधिकारी और सीओ को निर्देश दिए है कि शादी समारोह जैसे अगर कोई कार्यक्रम इस महामारी के अंदर हो तो उसे रोके और कानूनी कार्रवाई करें.

बाड़मेर. कोरोना वायरस से पूरा विश्व जूझ रहा है, इससे अर्थव्यवस्था और छोटे-बड़े सभी व्यापार ठप हो गया है. अब इसका असर शादियों पर भी पड़ना शुरू हो गया है. दरअसल, हर साल आखा तीज पर कई शादियां होती है. इसके लिए करीबन 6 महीने से 1 साल पहले ही बुकिंग की जाती है. लेकिन, इस बार कोरोना की वजह से जो बुकिंग हुई थी, उसे स्थगित कर दी गई है. अभी तक जिला और पुलिस प्रशासन के पास कोई परमिशन नहीं मांगी गई है.

आखा तीज पर होने वाली शादियां टली

पंडित सुनील जोशी ने बताया कि आखा तीज अक्षय तृतीया को बंपर शादियां पर कोर्णाक ग्रहण लग गया है. राजस्थान में इस दिन का बड़ा महत्व होता है, इस दिन जो भी किया जाता है, वह उत्तरोत्तर वृद्धि होती है. इस दिन शादियां, गृह प्रवेश सहित कई शुभ कार्य होते हैं, जो इस दिन किए जाते हैं. वह उत्तरोत्तर विकास करता है. साथ ही बताया कि इस दिन बहुत सारे विवाह होने थे, लेकिन कोरोना के चलते लोगों ने विवाह स्थगित कर दिए हैं और आगे खिसका दिए हैं. वहीं, इसके स्थान पर दीपावली के बाद शुभ मुहूर्त है, जिसमें शादियां होने के आसार हैं.

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जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि हमने शादियों और धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर अलग-अलग समाज के प्रबुद्ध जनों के साथ बैठक कर उनसे अनुरोध किया था कि इस विकट परिस्थितियों में इस तरह के आयोजन ना करें और शादियों का आयोजन है, उसे आगे करने का आग्रह किया. साथ ही बताया कि शादियों को लेकर उनके पास कुछ आवेदन आए है, लेकिन उनसे शादियां रद्द करने के लिए आग्रह किया है.

साथ ही कलेक्टर ने बताया कि इसके बावजूद भी अगर कोई शादी समारोह या बाल विवाह होता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में पंडित, टेंट सहित शादी समारोह में शरीक या सहयोग करने वालों को भी पाबंद किया है और अगर कोई सहयोग करता पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खीवसिंह भाटी ने बताया कि अक्षय तृतीया मान्यताओं के अनुसार एक अबूझ सावा माना गया है. इस दिन किसी को भी नक्षत्र या सावा निकालने की आवश्यकता नहीं रहती है. इसमें बिना पूछे ही शादी समारोह और अन्य शुभ कार्य किए जाते हैं. राजस्थान में यह परंपरा रही है कि बाल विवाह भी खूब होते हैं और कई बार शिकायतें भी आती है. जिस पर जिला प्रशासन और पुलिस कार्रवाई कर बाल विवाह रुकवा रही आई है, इस बार परिस्थितियां बदली हुई है.

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साथ ही एएसपी ने बताया कि प्रशासन और पुलिस के साथ-साथ अलग-अलग समाज के प्रबुद्ध जनों ने भी अपील की है, जिससे संभवत है कि लोगों ने विवाह समारोह को आगे बढ़ा दिया है. साथ ही कहा कि उनके पास अभी तक किसी प्रकार की कोई परमिशन नहीं आई है. उसके बावजूद भी थानाधिकारी और सीओ को निर्देश दिए है कि शादी समारोह जैसे अगर कोई कार्यक्रम इस महामारी के अंदर हो तो उसे रोके और कानूनी कार्रवाई करें.

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