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मंगला ऑयल फील्ड : सफलता से पूरे किये उत्पादन के 12 साल...ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भता का बड़ा कदम है मंगला

भारत के सबसे बड़े ऑफशोर ऑयल फील्‍ड मंगला (Offshore Oil Field Mangala) ने सफल उत्‍पादन के 12 वर्ष पूरे कर लिये हैं. बाड़मेर में मंगला ऑयल फील्‍ड (Mangala Oil Field) के साथ ऊर्जा आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में भारत आगे कदम बढ़ा रहा है.

मंगला ऑयल फील्ड ने पूरे किये 12 साल
मंगला ऑयल फील्ड ने पूरे किये 12 साल
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Published : Aug 28, 2021, 7:24 PM IST

बाड़मेर. भारत में तेल एवं गैस की खोज और उत्‍पादन (oil and gas exploration and production) करने वाली सबसे बड़ी निजी कंपनी, केयर्न ऑयल एंड गैस (cairn oil and gas) ने बाड़मेर स्थित मंगला ऑयल फील्‍ड से परिचालन के 12 वर्ष पूरे कर लिये हैं. रविवार को इसकी वर्षगांठ 'मंगला दिवस' के रूप में मनाई जाएगी.

वर्ष 2004 में खोजा गया यह फील्‍ड (Mangala Oil Field) उस साल की सबसे बड़ी वैश्विक खोज थी और 25 वर्षों में भारत की सबसे बड़ी तटवर्ती (ऑनशोर) खोज थी. मंगला फील्‍ड में पहली बार तेल 29 अगस्‍त 2009 को मिला था और जुलाई 2021 तक अकेले मंगला फील्‍ड ने 47.3 करोड़ बैरल से ज़्यादा का उत्‍पादन किया है.

मंगला ऑयल फील्ड ने पूरे किये 12 साल
क्रूड ऑयल उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भता की ओर बढ़ते कदम

भारत के घरेलू क्रूड ऑयल उत्‍पादन में वर्तमान में केयर्न ऑयल एंड गैस का योगदान लगभग 25% है. इसका ज्‍यादातर हिस्‍सा कंपनी के राजस्‍थान ब्‍लॉक के बाड़मेर-सांचोर बेसिन से आता है. जो 3111 वर्ग किलोमीटर में फैला है. मंगला और उसके सिस्‍टर फील्‍ड्स भाग्‍यम और ऐश्‍वर्या से हुए उत्‍पादन ने वित्‍तीय वर्ष 2021 में राष्‍ट्रीय और प्रांतीय राजकोष में 19 बिलियन डॉलर का योगदान दिया है.

इस ब्‍लॉक का कुल उत्‍पादन 60 करोड़ बैरल से ज्‍यादा हो चुका है. देश की ऊर्जा से जुड़ी मांगों को पूरा करने में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा यह ब्‍लॉक ऊर्जा में आत्‍मनिर्भरता हासिल करने के भारत के सपने को साकार करेगा. राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Revenue Minister Harish Choudhary) ने इस अवसर पर शुभकामना देते हुए कहा कि बाड़मेर में तेल और गैस की खोज और उत्पादन की शुरुआत के बाद से पश्चिमी राजस्थान के परिदृश्य में सामाजिक आर्थिक परिवर्तन दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अब प्रतिदिन डेढ़ लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है.

पढ़ें- Special : कोटा के जेके लोन अस्पताल में सुधरने लगे हालात...शिशु मृत्यु दर 7.62 से गिरकर 4 फीसदी तक आई

इस अवसर पर केयर्न ऑयल एंड गैस के डिप्‍टी सीईओ प्रचुर साह ने कहा कि साल 2009 में पहली बार तेल की खोज के बाद से ही मंगला फील्‍ड ने अपने नाम को सार्थक करते हुए देश की ऊर्जा से जुड़ी जरूरतों के लिये वाकई मंगलकारी काम किया है. हमने लगातार नवाचार, शोध और नई टेक्‍नोलॉजी को अपनाने का रास्‍ता चुना है, ताकि उत्‍पादन स्‍तर बरकरार रहे. इसके अलावा, केयर्न ऑयल एंड गैस भारत के घरेलू क्रूड ऑयल उत्‍पादन में 50% योगदान देने के लिये प्रतिबद्ध है. इसके लिये, राजस्‍थान ब्‍लॉक और खासकर मंगला की मुख्‍य भूमिका जारी रहेगी.

टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन राजस्‍थान ब्‍लॉक की मुख्‍य विशेषताएं हैं. यह फील्‍ड विश्‍व के सबसे बड़े एल्‍कलाइन सरफेक्‍टेंट पॉलीमर (एएसपी) फ्लड प्रोजेक्‍ट का गढ़ है. मंगला पाइपलान विश्‍व की सबसे लंबी लगातर गर्म होने वाली और इंसुलेटेड पाइपलाइन है. यह पाइपलाइन राजस्‍थान के मैदानों से गुजरात की रिफाइनरीज तक जाती है और लगभग 705 किलोमीटर की है. इसके अलावा यहां फुल-फील्‍ड एनहैंस्‍ड ऑयल रिकवरी (ईओआर) पॉलीमर प्रोजेक्‍ट भी है. जो विश्‍व में अपनी तरह का सबसे बड़ा प्रोजेक्‍ट है.

केयर्न ऑयल एंड गैस का भारत की हाइड्रोकार्बन क्षमता पर पक्‍का विश्‍वास रहा है और वह सबसे बड़े बिडर के रूप में उभरा है. जिसने एक के बाद एक ओएएलपी राउंड्स में कुल 51 ब्‍लॉक्‍स जीते हैं. कंपनी भारत के घरेलू उत्‍पादन को बढ़ाने के लिये टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन पर लगातार केन्द्रित रहेगी. एक उल्‍लेखनीय काम यह हुआ है कि कंपनी ने कैम्‍बे, गुजरात में अपने ओएएलपी ब्‍लॉक सीबी-ओएनएचपी/2017/2 से गैस की दूसरी खोज करने की जानकारी भी दी है.

राजस्‍थान ब्‍लॉक ने भारत की ऊर्जा से जुड़ी जरूरतों में मदद करने के साथ-साथ राज्‍य की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को सुधारने में भी महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है. केयर्न द्वारा परिचालन शुरू किये जाने के बाद बाड़मेर जिले ने प्रति व्‍यक्ति आय में 650% की बढ़ोतरी दर्ज की है, जो राष्‍ट्रीय और प्रांतीय औसत से ज्‍यादा है. पानी, जैव-विविधता, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, आदि में हुई पहलों ने समृद्ध सामाजिक संपदा निर्मित की है, जो आज पश्चिमी राजस्‍थान के बदले हुए परिदृश्‍य और आजीविका में दिखाई देती है.

बाड़मेर. भारत में तेल एवं गैस की खोज और उत्‍पादन (oil and gas exploration and production) करने वाली सबसे बड़ी निजी कंपनी, केयर्न ऑयल एंड गैस (cairn oil and gas) ने बाड़मेर स्थित मंगला ऑयल फील्‍ड से परिचालन के 12 वर्ष पूरे कर लिये हैं. रविवार को इसकी वर्षगांठ 'मंगला दिवस' के रूप में मनाई जाएगी.

वर्ष 2004 में खोजा गया यह फील्‍ड (Mangala Oil Field) उस साल की सबसे बड़ी वैश्विक खोज थी और 25 वर्षों में भारत की सबसे बड़ी तटवर्ती (ऑनशोर) खोज थी. मंगला फील्‍ड में पहली बार तेल 29 अगस्‍त 2009 को मिला था और जुलाई 2021 तक अकेले मंगला फील्‍ड ने 47.3 करोड़ बैरल से ज़्यादा का उत्‍पादन किया है.

मंगला ऑयल फील्ड ने पूरे किये 12 साल
क्रूड ऑयल उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भता की ओर बढ़ते कदम

भारत के घरेलू क्रूड ऑयल उत्‍पादन में वर्तमान में केयर्न ऑयल एंड गैस का योगदान लगभग 25% है. इसका ज्‍यादातर हिस्‍सा कंपनी के राजस्‍थान ब्‍लॉक के बाड़मेर-सांचोर बेसिन से आता है. जो 3111 वर्ग किलोमीटर में फैला है. मंगला और उसके सिस्‍टर फील्‍ड्स भाग्‍यम और ऐश्‍वर्या से हुए उत्‍पादन ने वित्‍तीय वर्ष 2021 में राष्‍ट्रीय और प्रांतीय राजकोष में 19 बिलियन डॉलर का योगदान दिया है.

इस ब्‍लॉक का कुल उत्‍पादन 60 करोड़ बैरल से ज्‍यादा हो चुका है. देश की ऊर्जा से जुड़ी मांगों को पूरा करने में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा यह ब्‍लॉक ऊर्जा में आत्‍मनिर्भरता हासिल करने के भारत के सपने को साकार करेगा. राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Revenue Minister Harish Choudhary) ने इस अवसर पर शुभकामना देते हुए कहा कि बाड़मेर में तेल और गैस की खोज और उत्पादन की शुरुआत के बाद से पश्चिमी राजस्थान के परिदृश्य में सामाजिक आर्थिक परिवर्तन दिखाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अब प्रतिदिन डेढ़ लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है.

पढ़ें- Special : कोटा के जेके लोन अस्पताल में सुधरने लगे हालात...शिशु मृत्यु दर 7.62 से गिरकर 4 फीसदी तक आई

इस अवसर पर केयर्न ऑयल एंड गैस के डिप्‍टी सीईओ प्रचुर साह ने कहा कि साल 2009 में पहली बार तेल की खोज के बाद से ही मंगला फील्‍ड ने अपने नाम को सार्थक करते हुए देश की ऊर्जा से जुड़ी जरूरतों के लिये वाकई मंगलकारी काम किया है. हमने लगातार नवाचार, शोध और नई टेक्‍नोलॉजी को अपनाने का रास्‍ता चुना है, ताकि उत्‍पादन स्‍तर बरकरार रहे. इसके अलावा, केयर्न ऑयल एंड गैस भारत के घरेलू क्रूड ऑयल उत्‍पादन में 50% योगदान देने के लिये प्रतिबद्ध है. इसके लिये, राजस्‍थान ब्‍लॉक और खासकर मंगला की मुख्‍य भूमिका जारी रहेगी.

टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन राजस्‍थान ब्‍लॉक की मुख्‍य विशेषताएं हैं. यह फील्‍ड विश्‍व के सबसे बड़े एल्‍कलाइन सरफेक्‍टेंट पॉलीमर (एएसपी) फ्लड प्रोजेक्‍ट का गढ़ है. मंगला पाइपलान विश्‍व की सबसे लंबी लगातर गर्म होने वाली और इंसुलेटेड पाइपलाइन है. यह पाइपलाइन राजस्‍थान के मैदानों से गुजरात की रिफाइनरीज तक जाती है और लगभग 705 किलोमीटर की है. इसके अलावा यहां फुल-फील्‍ड एनहैंस्‍ड ऑयल रिकवरी (ईओआर) पॉलीमर प्रोजेक्‍ट भी है. जो विश्‍व में अपनी तरह का सबसे बड़ा प्रोजेक्‍ट है.

केयर्न ऑयल एंड गैस का भारत की हाइड्रोकार्बन क्षमता पर पक्‍का विश्‍वास रहा है और वह सबसे बड़े बिडर के रूप में उभरा है. जिसने एक के बाद एक ओएएलपी राउंड्स में कुल 51 ब्‍लॉक्‍स जीते हैं. कंपनी भारत के घरेलू उत्‍पादन को बढ़ाने के लिये टेक्‍नोलॉजी और इनोवेशन पर लगातार केन्द्रित रहेगी. एक उल्‍लेखनीय काम यह हुआ है कि कंपनी ने कैम्‍बे, गुजरात में अपने ओएएलपी ब्‍लॉक सीबी-ओएनएचपी/2017/2 से गैस की दूसरी खोज करने की जानकारी भी दी है.

राजस्‍थान ब्‍लॉक ने भारत की ऊर्जा से जुड़ी जरूरतों में मदद करने के साथ-साथ राज्‍य की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को सुधारने में भी महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है. केयर्न द्वारा परिचालन शुरू किये जाने के बाद बाड़मेर जिले ने प्रति व्‍यक्ति आय में 650% की बढ़ोतरी दर्ज की है, जो राष्‍ट्रीय और प्रांतीय औसत से ज्‍यादा है. पानी, जैव-विविधता, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, आदि में हुई पहलों ने समृद्ध सामाजिक संपदा निर्मित की है, जो आज पश्चिमी राजस्‍थान के बदले हुए परिदृश्‍य और आजीविका में दिखाई देती है.

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