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विधायक ने की वंचित निर्माण श्रमिकों को राजकीय सहायता का लाभ देने की मांग... - उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट

बाड़मेर के पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र कर कहा है कि लिखा है. वंचित निर्माण श्रमिक जिनका नाम ऑनलाईन नहीं हो पाया है, उन्हें भी खाद्य सामग्री दिया जाए. साथ ही आबकारी नीति में शिथिलन प्रदान कर विभाग और पुलिस विभाग द्वारा जब्त शराब का उपयोग एल्कोहल बैस सेनेटाईजर बनाने के उपयोग में लिया जाए.

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मुख्यमंत्री को पत्र लिख
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Published : Apr 14, 2020, 8:55 AM IST

बालोतरा (बाड़मेर). जिले के बालोतरा में पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिख कर कुछ मांगे की है. जिसमें कहा है कि वंचित निर्माण श्रमिक जिनका नाम ऑनलाईन नहीं हो पाया है, उनको राजकीय सहायता और विधायक निधि से स्वीकृत खाद्य सामग्री के लिए खाद्य सुरक्षा योजना के परिलाभित व्यक्ति को अपात्र माना गया हैं. उनको पात्र माना जाए. साथ ही आबकारी नीति में शिथिलन प्रदान कर विभाग और पुलिस विभाग द्वारा जब्त शराब का उपयोग एल्कोहल बैस सेनेटाईजर बनाने के उपयोग में लिया जाए.

विधायक प्रजापत ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों से प्रबुद्ध और वरिष्ठ नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के साथ ही आमजन से प्राप्त फिडबैक के आधार पर कोरोना संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान हालातों से निपटने के लिए मेरे द्वारा सरकार को सुझाव देते हुए मांग की गई हैं.

पढ़ेंः लॉकडाउन: अवैध शराब बेचने वाला तस्कर गिरफ्तार, 70 लीटर देसी शराब जब्त

कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधी से जरूरतमंदों को वितरीत किए जाने वाले खाद्य सामग्री और सहायता में खाद्य सुरक्षा योजना के परिलाभित व्यक्ति को अपात्र माना गया हैं. जो न्यायोचित नहीं हैं, क्योंकि खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत लाभार्थी को मात्र गेंहू उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

जबकि वर्तमान स्थिति में लॉकडाउन होने पर गरीब के सभी आय स्त्रोत बन्द होने और उसकी क्रय क्षमता शुन्य होने के साथ ही बाजार में खाद्य सामग्री की अनुपलब्धा के कारण गरीब को भोजन नहीं मिल पा रहा हैं. उक्त योजना में प्राप्त गेंहू से काम नहीं चलता सकता हैं. भेाजन पकाने और रसोई में उपयोगी अन्य खाद्य सामग्री (मसाले, तेल, माचीस आदि) की भी आवश्यकता होती हैं.

अतः यर्थात को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा योजना में पंजीकृत (लाभार्थी) को आटे के अलावा सभी सामग्री का किट प्राप्त करने का पात्र मानने के निर्देश संबंधित विभाग और जिला कलक्टरों केा प्रदान करावए. ताकि जरूरतमंद और गरीब लोगों को समय पर सहायता का लाभ मिल सकें.

पढ़ेंः SPECIAL: परीक्षाएं तो हुई ONLINE, लेकिन प्रैक्टिकल के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार

साथ ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को एक हजार रूपये देने की येाजना प्रशंसनीय हैं. परन्तु निर्माण श्रमिकों का एक वर्ग जिसने ऑफ लाईन पंजीयन हेतु आवेदन किए गए थे और विभाग द्वारा समय पर उनको ऑनलाईन नहीं किया जा सका. वे गरीब उक्त येाजना से वंचित रह गए हैं.

क्योंकि गत सरकार द्वारा पंचायत समिति स्तर पर शिविर आयेाजित कर मजदूरों का पंजीयन करने के लिए आवेदन ऑफलाईन मांगे गए थे. परन्तु विभागीय लापरवाही/उदासीनतावश वे ऑनलाईन नहीं हो पाये हैं. उन वंचित निर्माण श्रमिकों को भी उक्त योजना से लाभान्वित किया जाए. इस हेतु संबंधित विभागाधिकारियों केा निर्देशित किया जाए ताकि वंचित को लाभ मिल सकें. साथ ही लम्बे समय से लाभ हेतु प्रतिक्षारतों को न्याय मिल सकेगा.

बालोतरा (बाड़मेर). जिले के बालोतरा में पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिख कर कुछ मांगे की है. जिसमें कहा है कि वंचित निर्माण श्रमिक जिनका नाम ऑनलाईन नहीं हो पाया है, उनको राजकीय सहायता और विधायक निधि से स्वीकृत खाद्य सामग्री के लिए खाद्य सुरक्षा योजना के परिलाभित व्यक्ति को अपात्र माना गया हैं. उनको पात्र माना जाए. साथ ही आबकारी नीति में शिथिलन प्रदान कर विभाग और पुलिस विभाग द्वारा जब्त शराब का उपयोग एल्कोहल बैस सेनेटाईजर बनाने के उपयोग में लिया जाए.

विधायक प्रजापत ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों से प्रबुद्ध और वरिष्ठ नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के साथ ही आमजन से प्राप्त फिडबैक के आधार पर कोरोना संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान हालातों से निपटने के लिए मेरे द्वारा सरकार को सुझाव देते हुए मांग की गई हैं.

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कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति में विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधी से जरूरतमंदों को वितरीत किए जाने वाले खाद्य सामग्री और सहायता में खाद्य सुरक्षा योजना के परिलाभित व्यक्ति को अपात्र माना गया हैं. जो न्यायोचित नहीं हैं, क्योंकि खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत लाभार्थी को मात्र गेंहू उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

जबकि वर्तमान स्थिति में लॉकडाउन होने पर गरीब के सभी आय स्त्रोत बन्द होने और उसकी क्रय क्षमता शुन्य होने के साथ ही बाजार में खाद्य सामग्री की अनुपलब्धा के कारण गरीब को भोजन नहीं मिल पा रहा हैं. उक्त योजना में प्राप्त गेंहू से काम नहीं चलता सकता हैं. भेाजन पकाने और रसोई में उपयोगी अन्य खाद्य सामग्री (मसाले, तेल, माचीस आदि) की भी आवश्यकता होती हैं.

अतः यर्थात को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा योजना में पंजीकृत (लाभार्थी) को आटे के अलावा सभी सामग्री का किट प्राप्त करने का पात्र मानने के निर्देश संबंधित विभाग और जिला कलक्टरों केा प्रदान करावए. ताकि जरूरतमंद और गरीब लोगों को समय पर सहायता का लाभ मिल सकें.

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साथ ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को एक हजार रूपये देने की येाजना प्रशंसनीय हैं. परन्तु निर्माण श्रमिकों का एक वर्ग जिसने ऑफ लाईन पंजीयन हेतु आवेदन किए गए थे और विभाग द्वारा समय पर उनको ऑनलाईन नहीं किया जा सका. वे गरीब उक्त येाजना से वंचित रह गए हैं.

क्योंकि गत सरकार द्वारा पंचायत समिति स्तर पर शिविर आयेाजित कर मजदूरों का पंजीयन करने के लिए आवेदन ऑफलाईन मांगे गए थे. परन्तु विभागीय लापरवाही/उदासीनतावश वे ऑनलाईन नहीं हो पाये हैं. उन वंचित निर्माण श्रमिकों को भी उक्त योजना से लाभान्वित किया जाए. इस हेतु संबंधित विभागाधिकारियों केा निर्देशित किया जाए ताकि वंचित को लाभ मिल सकें. साथ ही लम्बे समय से लाभ हेतु प्रतिक्षारतों को न्याय मिल सकेगा.

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