बाड़मेर. पाकिस्तान से आई टिड्डीयों ने सरहदी जिला बाड़मेर सहित पश्चिमी राजस्थान के किसानों की फसलों को चट कर दिया. जिसकी वजह से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ. वहीं मंगलवार को अंतर मंत्रालय केंद्रीय दल बाड़मेर पहुंचा जहां पर जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक लेकर टीड्डी दल हमले से फसलों में हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली.
कलेक्ट्रेट कॉन्फ्रेंस हॉल में केंद्रीय दल पौध संरक्षण संगरोध एवं भंडारा निदेशालय फरीदाबाद के संयुक्त निदेशक डॉ. जेपी सिंह भारतीय खाद्य निगम के उप महाप्रबंधक अनिल ढिल्लन एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहायक आयुक्त मोतीराम ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक लेकर टीड्डी दल हमले से फसलों में हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली.
जिला कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि बाड़मेर जिले में टीड्डी दल का प्रथम आक्रमण 29 जून 2009 को हुआ था. इसके उपरांत लगातार टिड्डी दल का हमला होता रहा है, उन्होंने बताया कि बाड़मेर जिले में जिसकी वजह से अब तक की गिरदावरी रिपोर्ट के मुताबिक 43 हज़ार 466 हेक्टर में फसल खराब हुई है. इनमें गेहूं की 515 हेक्टर, चने की 2, अरंडी की 13, रायडा की 217, तारामीरा 465, जीरा 27, 129 और इसबगोल की 15,126 हेक्टर में खड़ी फसल खराब हुई है.
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जिला कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि यहां के किसानों ने प्रशासन के साथ मिलकर टीडीओ को रोकने में अहम भूमिका निभाई है, जिसकी वजह से टीड्डी दल को समय पर नियंत्रित किया जा सकता है. जिस पर केंद्रीय दल की ओर से भी प्रशासन और किसानों के किए गए कार्य की सराहना की. बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा, कृषि विभाग के उपनिदेशक किशोरीलाल वर्मा, मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमलेश चौधरी समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.