बाड़मेर. आज भी राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में समाज की खाप पंचायतें गरीब और असहाय लोगों पर अपना फरमान थोप देती हैं. कानून तो बन गया लेकिन ग्रामीण इलाकों में अपनी मर्जी से शादी करना भी खाप पंचायतों को नागवार गुजरता है. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के बाड़मेर जिले की सेड़वा थाना इलाके में सामने आया है.
सेड़वा थाना इलाके में एक विवाहिता ने दूसरी शादी की तो समाज के पंच पटेलों ने उसका हुक्का-पानी बंद कर दिया. इतना ही नहीं इस खाप पंचायत ने विवाहिता पर 11 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोक दिया.
सेड़वा थाना इलाके के एक गांव में विवाहित जोड़े ने कुछ ग्रामीणों के साथ बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर अपनी दास्तान सुनाई. विवाहित जोड़े को इलाके के 30 से ज्यादा पंच परेशान कर रहे हैं. पीड़ित जोड़े का कहना है कि उनका जीना दुश्वार हो गया है. पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
पीड़ित विवाहिता का कहना है कि साल 2020 में उसकी दूसरी शादी हुई है. इससे पहले जिस व्यक्ति से उसकी शादी हुई थी उसने बेटी के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया था. इस आरोप में वह जेल में बंद है. उस घटना के बाद विवाहिता ने दुष्कर्मी पति को तलाक दे दिया था. उसने एक युवक से दूसरी शादी कर ली. यही बात पंचों को नागवार गुजरी.
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दूसरी शादी के बाद 35 जातीय पंचों ने फरमान सुनाते हुए विवाहित जोड़े का दाना-पानी बंद कर दिया. साथ ही 11 लाख का जुर्माना भी लगा दिया. पीड़िता और उसका पति इतना पैसा भरने में असमर्थ हैं. आरोप है कि सेड़वा थाना पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपत सिंह के अनुसार जातीय पंचों के फरमान का मामला सामने आया है इस मामले में संबंधित थाना अधिकारी को पीड़िता को न्याय दिलाने के साथ ही पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.